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Farmer Protest: गाजीपुर बॉर्डर बढ़ने लगी संख्या, टिकैत के आंसुओं ने आंदोलन को फिर से किया जीवित

Highlights - गाजियाबाद के यूपी गेट बॉर्डर पर दोबारा से बढ़ने लगी किसानों की संख्या - देर रात बड़ी संख्या में गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे किसान - किसान बोले- अपने नेता की आंखों में आंसू देखे तो रूका नहीं गया

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गाजियाबाद. यूपी गेट (UP Gate) पर प्रशासन ने धारा 133 और धारा 144 लगा दी है और यहां धरने पर बैठे किसानों को उठाने के लिए योगी सरकार के आदेश पर खुद डीएम अजयशंकर पांडेय और एसएसपी कलानिधि नैथानी के अलावा आईजी मेरठ रेंज और तमाम प्रशासनिक अधिकारी भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात रहे। इस दौरान सुरक्षा बलों को देखते हुए कुछ किसान घर वापसी कर गए, लेकिन इसी बीच भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) बेहद भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे। जैसे ही इसकी जानकारी आसपास के जिलों के किसानों को मिली तो बड़ी संख्या में दोबारा से किसान गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पहुंच गए। किसानों का कहना है कि उन्होंने अपने नेता की आंखों में आंसू देखे तो रुका नहीं गया और दोबारा से उन्होंने आंदोलन को मजबूत करने का मन बनाया है।

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बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 घंटे के अंदर बॉर्डर खाली कराए जाने के निर्देश दिए थे। वहीं, राकेश टिकैत ने भी साफ तौर पर अपने किसानों को संदेश दिया है कि किसी भी हाल में वह आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे। वह यहां से तभी उठेंगे, जब उनकी मांग पूरी होगी। फिलहाल गाजियाबाद के यूपी गेट बॉर्डर पर किसानों की संख्या में अब दोबारा से इजाफा होने लगा है। जो किसान देर रात बॉर्डर पर पहुंचे थे, वह तंबू नहीं लगा पाए हैं। उन्होंने खुले आसमान के नीचे ही रात गुजारी है। उधर, किसानों को पहले से दी गई बिजली-पानी की सुविधा भी अब बंद कर दी गई है। बॉर्डर पर स्थिति तनावपूर्ण है, लेकिन नियंत्रण में है। अब जो भी किसान यूपी गेट बॉर्डर पहुंच रहे हैं उनका कहना है कि वह शांतिपूर्वक अपने आंदोलन को जारी रखेंगे और अपने नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा होंगे।

बहरहाल, इस पूरे मामले को देखते हुए स्थिति यह बन गई है कि किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने आंदोलन को दोबारा से मजबूत किए जाने की तैयारी कर ली है। हालांकि अभी प्रशासन के द्वारा यह साफ नहीं हो पाया है कि इन किसानों को यहां से कब उठाया जाएगा या इन्हें यही बैठने दिया जाएगा। धरने पर बैठे किसानों का आरोप है कि उन्हें यहां से उठाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कुछ लोग भी शाम को पहुंचे थे और उन्होंने किसानों को धमकाने का प्रयास किया था।

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