
फर्जी दूतावास प्रकरण में वेस्ट आर्कटिका ने हर्ष वर्धन से किनारा कर लिया है। PC: IANS
आर्कटिका संगठन ने स्पष्ट किया है कि हर्ष वर्धन जैन भले ही संस्था से जुड़ा हुआ था, लेकिन उसने संगठन की निर्धारित मर्यादाओं का उल्लंघन किया और कई गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाया गया।
संगठन ने अपने बयान में बताया है कि वेस्ट आर्कटिका की स्थापना वर्ष 2001 में अमेरिकी नागरिक और पूर्व नेवी इंटेलिजेंस एनालिस्ट ट्रैविस मैकहेनरी द्वारा की गई थी। यह संगठन 2014 में एक चैरिटेबल कॉर्पोरेशन के रूप में पंजीकृत हुआ और 2018 में इसे अमेरिकी कर प्रणाली के अंतर्गत 501(सी)(3) टैक्स छूट का दर्जा प्राप्त हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य पश्चिम अंटार्कटिका के पर्यावरण, विशेषकर वेस्ट अंटार्कटिक आइस शीट की रक्षा और जागरूकता फैलाना है।
इस संगठन में वर्ष 2016 में हर्ष वर्धन जैन ने वेस्टआर्कटिका को एक बड़ा डोनेशन दिया था, जिसके बाद उन्हें संगठन के अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों की टीम में 'मानद वाणिज्य दूत-भारत' के रूप में नामित किया गया।
संगठन ने साफ किया है कि उन्हें कभी भी 'राजदूत' (एंबेसडर) का दर्जा या अधिकार नहीं दिया गया। जब हर्ष वर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया, तो उनके पास वेस्टआर्कटिका के नाम और मुहर वाले कूटनीतिक नंबर प्लेट, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज पाए गए।
संगठन ने यह स्पष्ट किया है कि न तो वे कूटनीतिक नंबर प्लेट या पासपोर्ट का उपयोग करते हैं और न ही कभी किसी प्रतिनिधि को ऐसा करने की अनुमति दी गई है। अपने निवास को 'एंबेसी' घोषित करना भी संगठन के प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन है। इन सभी अनधिकृत गतिविधियों के चलते हर्ष वर्धन जैन को वेस्टआर्कटिका से अनिश्चितकालीन रूप से निलंबित कर दिया गया है।
संगठन की कार्यकारिणी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है।संगठन ने यह भी बताया है कि वे अपने सभी मानद दूतों की एक विस्तृत समीक्षा कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। संगठन ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अपनी मूल भावनाओं और पर्यावरणीय मिशन से अलग बताया है और कहा है कि यह घटना उनके मूल्यों और सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व नहीं करती।
Published on:
25 Jul 2025 10:23 am
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