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Lockdown: मां अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही और एसएचओ असलम दे रहे ड्यूटी

Highlights गाजियाबाद के कविनगर थाने में तैनात हैं मोहम्मद असलम थाना प्रभारी की मां अस्पताल में जूझ रही हैं जिंदगी और मौत से लकवे से पीड़ित हैं हेड मोहर्रिर की पत्नी, मेरठ में कर रहीं इंतजार  

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गाजियाबाद। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान कोरोना (Corona) को मात देने के लिए स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं। वे हर परिस्थिति में अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। इसके लिए वे अपनी निजी परेशानियों को भी दरकिनार किए हुए हैं। गाजियाबाद (Ghaziabad) के कुछ पुलिसकर्मी भी ऐसी ही मिसाल पेश कर रहे हैं। भाजपा (BJP) के क्षेत्रीय मंत्री अजय शर्मा ने इनकी प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) को पत्र भी लिखा है।

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पुलिस—प्रशासन की तारीफ की

मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में अजय शर्मा ने गाजियाबाद के पुलिस—प्रशासन की काफी तारीफ की है। उनका कहना है कि कोरोना से लड़ने में गाजियाबाद पुलिस व प्रशासन सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कविनगर थाना (Kavi Nagar Thana) प्रभारी मोहम्मद असलम का उदाहरण दिया है। उनका कहना है कि एक दिन वह किसी काम से कविनगर थाने गए थे। वहां इंस्पेक्टर ने उनकी समस्या का एक घंटे में समाधान कर दिया। इस बीच उनको पता चला कि मोहम्मद असलम की मां एक निजी अस्पताल में भर्ती है। वह वहां पर जिंदगी और मौत से जूझ रही हैं।

पत्नी कर रही देखभाल

उस दिन उनका ऑपरेशन था। इसके बावजूद वह अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे थे। मोहम्मद असलम का कहना है कि उनकी मां की जीभ में कैंसर है। उनकी मां को मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हाल ही में उनका ऑपरेशन हुआ है। वह गांव में यह सोचकर आए थे कि वह उनका ख्याल रखेंगे लेकिन ड्यूटी पहले है। फिलहाल उनकी पत्नी अस्पताल में उनकी मां की देखभाल कर रही हैं।

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दो साल से चारपाई पर है पत्नी

कुछ ऐसी ही कहानी हेड मोहर्रिर अरुण कुमार की भी है। ट्रोनिका सिटी थाने में तैनात अरुण कुमार की पत्नी बबीता लकवे से पीड़ित हैं। वह दो साल से चारपाई पर हैं। बबीता इस समय मेरठ में हैं। उन्हें उनके पति की जरूरत है लेकिन अरुण कुमार गाजियाबाद में अपना कर्तव्य निभा रहे हैं।