जानें क्या है पूरा मामला जानकारी के मुताबिक मार्च 2022 में मनी ट्रांसफर कराने के बाद बगैर पैसे दिए भागे व्यक्ति को थाना कविनगर पुलिस ने हिरासत में लिया था। सूचना पर जब आरोपी की मां और बहन थाने पहुंची थीं तो उन्हें आरोपी का आधार कार्ड लेने के लिए पुलिस ने घर भेजा। रास्ते में एक जानकार ऑटो चालक ने दो साथियों की मदद से युवती को अगवा लिया और उसे दादरी ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया। लेकिन जब युवती को अगवा किया गया था तो पीड़िता ने यह जानकारी फोन पर अपनी मां को दी थी। जिसपर पीड़िता की मां ने बेटी को बचाने के लिए पुलिस से गुहार लगाई। पुलिस ने इस मामले में केस तो दर्ज कर लिया लेकिन तत्काल इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। हालांकि एक दिन बाद पीड़िता को बरामद भी कर लिया।
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जांच में आरोपी भेजे गए थे जेल उधर, पीड़िता के बयानों के मुताबिक सामूहिक दुष्कर्म व मारपीट की धारा बढ़ाई गई। जबकि शुरुआती दौर में पीड़िता के भाई की तरफ से बहला-फुसलाकर ले जाने का केस दर्ज किया था। बहरहाल जब पीड़िता के बयान हुए तो पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए धारा बढ़ाई और महिला समेत चार आरोपियों को जेल भी भेज दिया था। वहीं इस पूरे मामले की विवेचना पहले जिस दरोगा को दी गई उसके तबादले के बाद दूसरे दरोगा को विवेचना दी गई। पीड़िता की मांग की शिकायत के बाद एडीजी ने यह जांच हापुड़ पुलिस को सौंप दी। हापुड़ पुलिस की जांच में एसएचओ के साथ दोनों विवेचक लापरवाही के दोषी पाए गए। जिस दरोगा को पहले विवेचना दी गई थी। वह पहले ही दुष्कर्म के ही एक मामले को धोखाधड़ी का मामला बनाये जाने के आरोप में निलंबित किया जा चुका है। यह भी पढ़ें