
गाजियाबाद। पूर्व थल सेना अध्यक्ष वीपी मलिक गुरुवार को गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए। यहां उन्होंने वर्ष 1991 में आगरा में हुई सेना की भर्ती परीक्षा के दौरान हुए घोटाले में अपनी गवाही दी। पूर्व थल सेना अध्यक्ष वीपी मलिक गुरुवार को गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में करीब दो घंटे तक रहे। इस घोटाले में सेना के पूर्व ब्रिगेडियर, उनकी पत्नी, बेटी, दो हवलदार, बाबू और पूर्व सूबेदार मेजर सहित 22 परीक्षार्थी आरोपी हैं। इसकी सुनवाई गाजियाबाद में सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही है।
1991 में हुआ था घोटाला
पूर्व थल सेना अध्यक्ष वीपी मलिक की गवाही के बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 22 जनवरी तय की है। हालांकि, जैसे ही पूर्व थल सेना अध्यक्ष वीपी मलिक गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पहुंचे तो वहां मीडियाकर्मियों का भी जमावड़ा लग गया। गौरतलब है कि 25 मई 1991 में आगरा में सेना की भर्ती हुई थी। उस दौरान फर्जीवाड़ा सामने आया था, जिसके बाद इस मामले की सुनवाई गाजियाबाद स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही है। इसके चलते गुरुवार को पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक की अदालत में गवाही होनी थी। गुरुवार सुबह करीब 11.30 बजे पूर्व सेनाध्यक्ष अदालत में हाजिर हुए। सीबीआई के लोक अभियोजक कुलदीप पुष्कर ने वीपी मलिक की गवाही कराई।
पूर्व थल सेनाध्यक्ष ने यह बयान दिया
पूर्व थल सेनाध्यक्ष ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने ब्रिगेडियर पद पर रहते हुए सामने आए फर्जीवाड़े को गंभीरता से लिया था और उसकी गहन जांच कराई गई थी। इसके बाद इस भर्ती के दौरान हुए फर्जीवाड़े में दो आरोपी तत्कालीन हवलदार क्लर्क हरी चंद और हवलदार क्लर्क वीरभान सिंह को दोषी मानते हुए इनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई थी। इस पूरे मामले में सीबीआई ने 5 जुलाई सन् 2000 को गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। तभी से इस मामले की सुनवाई वहां चल रही है।
Published on:
19 Jan 2018 11:11 am
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