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गाजियाबाद ( ghazibad news) कोविड-19 का असर इस बार हर सभी त्याैहारों पर देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि जन्माष्टमी पर्व पर भी इसका असर दिखाई दिया है। सभी मंदिरों में इस बार सोशल डिस्टेंसिंग बनाए जाने के उद्देश्य से झांकियां ना लगाने का फैसला लिया गया। सहारनपुर में जन्माष्टमी पर्व से एक दिन पहले ही धारा 144 लागू कर दी गई थी।
वेस्ट यूपी के लगभग सभी जिलों में काेराेना वायरस का असर देखने काे मिला। इसी के चलते गाजियाबाद स्थित प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मंदिर में भी झांकियां ना के बराबर ही बनाई गई। मंदिर काे सजाया गया लाइटिंग भी की गई लेकिन भीड़ नहीं थी। मंदिर के महंत नारायण गिरी जी महाराज ने बताया कि इस बार कुछ लोग इस असमंजस में हैं कि 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी या 12 अगस्त को मनाई जाएगी।
मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जा रहा है जबकि नंद गांव में 11 अगस्त को जन्माष्टमी का त्याैहार मनाया जाएगा लेकिन मथुरा और वृंदावन में मनाए जाने वाले जन्माष्टमी के त्याैहार को ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद में 12 अगस्त को जन्माष्टमी का त्याैहार मनाया गया। कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से हर बार की तरह इस बार मंदिर में किसी तरह की कोई झांकी नहीं लगाई ना भीड़ हाेने दी गई। सूक्ष्म रूप से इस बार जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया गया।
मंदिर की सजावट और भगवान भोलेनाथ एवं भगवान श्री कृष्ण के दर्शन भक्तों को ऑनलाइन कराए जाने का प्रबंध किया गया है। पंडितों की ओर से यह अपील की गई है कि हर बार की तरह मंदिर में ज्यादा संख्या में भक्त ना आएं और यहां भीड़ एकत्र ना करें। मंदिर में लगी किसी भी मूर्ति काे ना छुएं मंदिर में मौजूद साधु संतों से दूरी बनाकर रखें और मंदिर में की गई सैनिटाइज की व्यवस्था का इस्तेमाल करते हुए ही मंदिर परिसर में प्रवेश करें।
Updated on:
11 Aug 2020 09:46 pm
Published on:
11 Aug 2020 09:45 pm
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