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यूपी के इस जिले में शुरू हुआ कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज, सीएम योगी ने किया था निरीक्षण

Highlights दिल्ली और मेरठ नहीं भेजे जाएंगे गंभीर मरीज 400 बेड का एल—3 अस्पताल हुआ शुरू आठ माह गर्भवती महिला को कराया भर्ती  

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गाज़ियाबाद। कोविड—19 (Covid 19) संक्रमित लोगों का अब जनपद में ही इलाज होगा। अब लेवल-3 के मरीजों को अब दिल्ली (Delhi) और मेरठ (Meerut) रेफर नहीं किया जाएगा। संतोष अस्प्ताल (Santosh Hospital) में तैयार किए गए एल-3 अस्पताल को मंगलवार (Tuesday) से एक्टिव कर दिया गया है। बता दें कि नोएडा (Noida) से रेफर होकर संयुक्त जिला अस्पताल में संचालित एल—2 में भर्ती कराई गई आठ माह गर्भवती महिला को एल—3 अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

गंभीर मरीजों के लिए बना है अस्पताल

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) नरेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया महिला का हीमोग्लोबिन गिरकर 3 ग्राम डेसीलीटर रह गया है। उसकी स्थिति गम्भीर है। अब उस महिला को एल-2 से निकालकर एल-3 में भर्ती कराया गया है। ऐसे गंभीर मरीजों के लिए ही संतोष अस्पताल में एल-3 अस्पताल बनाया गया है। यह अस्पताल 400 बेड का है। संतोष अस्पताल का काफी पहले ही अधिग्रहण कर लिया गया था। इसका निरीक्षण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) ने किया था। इसके बाद अब यह गाजियाबाद (Ghaziabad) का पहला एल—3 अस्पताल बनाया गया है।

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सभी सुविधाएं हैं उपलब्ध

सीएमओ ने बताया कि जनपद में एल—3 कोविड-19 संक्रमित मरीजों को पहले मेरठ और दिल्ली भेजा जाता था। वहीं पर उनका उपचार किया जाता था लेकिन मंगलवार से इस संतोष अस्पताल को एक्टिव कर दिया गया है। इसके बाद यहां के एल—3 कोविड-19 संक्रमित लोगों का यहीं पर उपचार किया जा सकेगा। यहां पर एल—3 लेवल के मरीजों की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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क्या है लेवल—3

उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के ऐसे मरीज जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है, उन्हें लेवल-3 का मरीज का कहा जाता है। ऐसे मरीज अधिकतर पहले से ही मधुमेह, किडनी या फिर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं। ऐसे मरीजों के संक्रमित होने पर बहुत जल्दी स्थिति गंभीर हो जाती है। इनकी देखरेख के लिए लाइफ सर्पोटिंग सिस्टम की भी जरूरत होती है। यहां पर सभी मरीजों का उपचार प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा किया जाएगा।


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