
तेजस कुमार@पत्रिका
गाजियाबाद। 13 मई का दिन अंतरराष्ट्रीय मदर्स डे के रूप में मनाया जा रहा है। हर तरफ सुपर मॉम की चर्चाएं हो रही हैं। वहीं हम आपको ऐसी एक मां के बारे में बता रह हैं जिसने अपनी जवान बेटी को सड़क दुर्घटना में खो दिया। उस ही दिन से इस माँ ने संकल्प लिया कि जिस सड़क पर उसकी बेटी ने दम तोडा उस पर अब कोई और सड़क दुर्घटना में दम नहीं तोड़ेंगे। इस संकल्प को लिए ये माँ सड़क पर अपने पति के साथ यातायात को कन्ट्रोल करने में अपनी भागेदारी निभा रही है।
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गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी की रहने वाली डोरिस फ्रांसिस वह महिला है जिनको समाज सेविका के रूप में गाजियाबाद ही नहीं आसपास के राज्यों में भी बहुत सम्मान के साथ देखा जाता है। इन्हें स्मृति चिन्ह से भी नवाजा गया है। डोरिस एक समाज सेविका के साथ-साथ गाजियाबाद में चौराहों पर खड़े होकर ट्रैफिक कंट्रोल करती हैं। जो काम ट्रैफिक पुलिस को करना चाहिए वह काम डोरिस करती हैं। डोरिस से जब बात की गई तो उनकी आंखों में पानी भर आया और अपनी दर्द भरी दास्तां उन्होंने सुनाई कि क्यों वो ट्रैफिक कंट्रोल करती हैं।
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डोरिस का कहना है कि उनका एक हंसता खेलता परिवार है और इस परिवार में उनकी एक जवान बेटी भी थी। जो अपने ही घर से कुछ दूरी पर एनएच-24 पर एक सड़क हादसे का शिकार हो गई और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। तब ही से उन्होंने एक संकल्प लिया कि वह कोशिश करेंगी कि सड़क हादसे में किसी की मौत न हो। उनके संकल्प से मां का बेटा, किसी का भाई, किसी का पति और किसी का बाप दर्दनाक मौत का शिकार ना हो। डोरिस का कहना है कि वह ट्रैफिक कंट्रोल करके सड़क हादसे में शिकार हुई अपनी बेटी को श्रद्धांजलि दे रही हैं।
Published on:
13 May 2018 04:19 pm
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