
गाजियाबाद। लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री (CM) ने जनसुनवाई पोर्टल बनाया था। गाजियाबाद (Ghaziabad) में नगर निगम (Nagar Nigam) ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल (Mukhyamantri Jansunwai Portal UP) का मजाक बना दिया। इसको लेकर अब इस पर भी उंगलियां उठने लगी हैं। आलम यह है कि शिकायत कुछ और करो और समाधान किसी अन्य समस्या का कर दिया जाता है।
यह शिकायत की गई थी
ऐसा ही एक मामला गाजियाबाद में देखने को मिला है। हाल ही लोगों ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर आवारा कुत्तों की शिकायत की थी। इसके जवाब में पीने के पानी के समाधान का मैसेज भेज दिया गया। दरअसल, पिछले सप्ताह शालीमार गार्डन की ए ब्लॉक की विजय पार्क सोसायटी में आवारा कुत्तों की समस्या काफी बढ़ गई है। 1 फरवरी को वहां के रहने वाले गोपाल ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत की थी। इसमें लिखा गया कि सोसायटी में आवारा कुत्तों की संख्या बहुत बढ़ गई है। ये कुत्ते आए दिन लोगों पर झपटते है। इसमें कई लोग घायल भी हो चुके हैं। कुत्तों के डर से कई दोपहिया सवार गिर चुके हैं। कॉलोनी के मंदिर के पास चौक पर कुत्तों का झुंड घूमता रहता है, जिससे निवासियों का इस चौक से निकलना तक दूभर हो गया है। उन्होंने मांग की कि समस्या पर ध्यान देते हुए नियम अनुसार इसका समाधान कराया जाए।
यह आख्या लगाई गई
इसके बाद 4 फरवरी को नगर निगम की ओर से शिकायत का समाधान तो कर दिया गया, लेकिन आवारा कुत्तों का नहीं बल्कि पानी का। आख्या में लिखा गया कि शिकायत पीने के पानी से संबंधित थी। उक्त स्थान पर पीने के पानी की व्यवस्था कर दी गई है। शिकायतकर्ता को फोन पर कार्रवाई से अवगत करा दिया गया है। आख्या पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी के साइन भी हैं। इसका मैसेज शिकायतकर्ता गोपाल के पास भेजा गया।
नगरायुक्त से मिलेंगे पीड़ित
शिकायत के निस्तारण का मैसेज मिलने के बाद लोग हैरान रह गए। गोपाल का कहना है कि सोसायटी में आवारा कुत्ते लोगों को दौड़ा लेते हैं। पास में एक पब्लिक स्कूल और मंदिर है। इनके हमले में कई लोगों को चोट लग चुकी है। उन्होंने निगम में इस बारे में शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने जनसुनवाई पोर्टल पर मामले को उठाया। तीन दिन बाद शिकायत का निस्तारण किया गया। शिकायत आवारा कुत्तों की गई थी और समाधान पानी की समस्या का कर दिया गया। उन्होंने इसे फर्जीवाड़ा आते हुए कहा कि गलत आख्या पर नगर स्वास्थ्य अधिकारी के साइन भी हैं। इसके लिए वे नगरायुक्त से बात करेंगे और दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे।
Updated on:
08 Feb 2020 10:50 am
Published on:
08 Feb 2020 10:40 am
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