नवरात्र में कन्या पूजन kanya pujaका बहुत महत्व है। नौ दिन माता की पूजा करने ते बाद जब तक कंजक पूजा नहीं करें तब तक व्रत का फल नहीं मिलता। कन्या पूजन में कन्याओं को घर बुलाकर उनके चरण धूल कर उनका आदर किया जाता है। उसके बाद सामर्थ अनुसार तरह-तरह के भोजन कराए जाते हैं औऱ वस्त्र और कपड़े भी दिए जाते हैं। गाजियाबाद के दूधेश्वर नाथ मंदिर के पंडित जी ने अष्टमी के लिए हवन, कंजक पूजा करने के लिए बताए हैं।
अष्टमी या दुर्गा अष्टमी तिथि और समय Ashtami, Durgashtami Tithi Date And time इस बार नवरात्रि की अष्टमी 17 अक्टूबर को है लेकिन अष्टमी की तिथि का शुरूआत 16 अक्टूबर की सुबह 10:16 मिनट से प्रारंभ हो गई है। अष्टमी की तिथि 17 अक्टूबर 2018 की दोपहर 12:49 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। लेकिन पूजा और हवन 17 अक्टूबर को ही बताए जा रहे हैं।