scriptDiwali 2018: बस इतने दिन बचे हैं दिवाली को, दीपावली की तैयारी से पहले जाने कुछ खास बातें | diwali 2018 date shubh muhurat and mahatva in india | Patrika News

Diwali 2018: बस इतने दिन बचे हैं दिवाली को, दीपावली की तैयारी से पहले जाने कुछ खास बातें

locationनोएडाPublished: Oct 12, 2018 03:29:42 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

Diwali Kab Hai, diwali 2018 date shubh muhurat and mahatva in india| Diwali kab hai: नवरात्रि के बाद दशहराऔर उसके बाद दिवाली मनाई जाएगी। दशहरे के 20 दिन बाद दीपावली मनाई जाती है। इस बार दिवाली 7 November को मनाई जाएगी।

Diwali 2018

Diwali 2018 : बस इतने दिन बचे हैं दिवाली को, तैयारियां शुरू, दीवाली से पहले जाने कुछ खास बातें

नोएडा। Diwali kab hai: दिवाली 2018- हिन्दुओं के प्रमुख त्योहार होली, रक्षाबंधन, दशहरा और दीपावली हैं जिनमें से दीपावली सबसे प्रमुख त्योहार है। दीपावली या दिवाली का अर्थ हैं “रोशनी का त्योहार” यानी अंधकार से प्रकाश की ओर जाना। इस बार लोग अभी असमंजस में हैं कि दिवाली कब हैं लेकिन इस बार दिवाली 2018 का त्योहार 7 नवंबर ( 7 November ) को हैं। जिसमें धन धान्य की देवी माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता सुखकर्ता गणेश जी की पूजा की जाती हैं। दीपावली को दियों का भी त्योहार कहा जाता है
ये भी पढ़ें : दीपावली और छठ पर अगर ट्रेन से जाना चाहते हैं घर, तो यात्रीगण कृपया ध्यान दें और पहले पढ़ें यह खबर

दिवाली या दीपावली का महत्व Diwali / Deepawali ka mahatva
दीपावली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या की मनाई जाती है। इस दिन घर हो या बाहर सभी जगह दियों और मोम्मबत्तीयों से जगमग होते हैं। दीपावली एक ऐसा त्योहार हैं जो पांच दिनों तक चलता है। इसकी शुरूआत धनतेरस के साथ होती है। धनतेरस के दिन लोग चांदी या सोने का सामान या किसी बर्तन को खरीदने की परंपरा है। इसके अगले दिन छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। कई लोग छोटी दिवाली के दिन महालक्ष्मी पूजन करते हैं। इसके अगले दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और इसके अलगे दिन भाई दूज मनाया जाता है। इस तरह पांच दिनों का त्योहार पर सिर्फ देश में ही नहीं बल्की कई दूसरे देशों में भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
दिवाली महज एक त्योहार नहीं है बल्कि यह हमे बहुत सी सीख देता है। इस त्योहार का सामाजिक और धार्मिक दोनों रुप से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। जिसका अर्थ है कितनी भी अंधेरा क्यों न हो एक छोटे दिए की लव उस अंधकार को दूर कर देती है। अर्थात इस संसार में कोई छोटा कोई बड़ा नहीं हैं सबका अपना महत्व है। किसी को कम नहीं आंकना चाहिए। दूसरा महत्व ये है कि जीवन में कितना भी अंधेरा क्यों न हो कभी उम्मीद नहीं हारनी चाहिए क्योंकि प्रकाश जरुर होता है और हमे इसके लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए हार कर नहीं बैठना चाहिए। दीपावली दीपों का त्योहार है सत्य की सदा जीत होती है झूठ का नाश होता है।
ये भी पढ़ें : नोएडा में दिखने लगा करवा चौथ का क्रेज, तो लोगों ने शुरू कर दिए करवा चौथ के इन गानों को सुनना


दिवाली या दीपावली का धार्मिक महत्व
माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा भगवान राम अपने चौदह वर्ष के वनवास को काट कर वापस लौटे थे। अपने श्रीराम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। क्योंकि उस दिन कार्तीक मास की काली अमावस्या रात थी तो दीयों की रोशनी से पूरा अयोध्या जगमगा उठा। तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो