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मेरठ/गाजियाबाद। अगामी त्योहारों के मद्देनजर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में DGP OP Singh ने प्रदेश में Illegal Bangladeshi Migrants और अन्य विदेशी नागरिकों की पहचान करने के निर्देश सभी जिलों की पुलिस को कर दिए हैं। इस कड़ी में वेस्ट यूपी के जिलों भी पुलिस सतर्क हो गई है और ऐसे बांग्लादेशी व विदेशी नागरिकों की पहचान करने में जुट गई है।
दरअसल, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर समेत वेस्ट यूपी के कई जिलों में सैकड़ों बस्ती बनाकर लाखों बांग्लादेशी व विदेशी नागरिक रह रहे हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो इनमें ज्यादातर लोग अपनी पहचान छिपाकर भी रह रहे हैं। बांग्लादेशी मुसलमानों की संख्या इनमें काफी है। बताया जा रहा है कि योगी सरकार ने जिस तरह के संकेत दिए हैं वह आने वाले समय में एनआरसी प्रदेश में लागू कर इन्हें बाहर का रास्ता दिखा सकते हैं। वहीं डीजीपी द्वारा निर्देश जारी किए जाने के बाद इन जिलों की पुलिस सतर्क हो गई है और ऐसे लोगों की पहचान व जांच में जुट गई है। इनका सत्यापन कर वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जाएगी।
बता दें कि मेरठ में करीब 20 बस्ती हैं जिनमें एक लाख के लगभग बांग्लादेशी मुसलमान रहते हैं। इस बाबत मेरठ एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि बहुत पहले इस तरह का आदेश आया था। जिसमें यहां रह बांग्लादेशियों को चिन्हित करने का आदेश हुआ था। फिलहाल कोई ऐसा आदेश नहीं आया है। अगर आता है तो उस पर काम किया जाएगा। वहीं गाजियाबाद के एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि इस तरह का नोटिफिकेशन जो जारी हुआ उसे गंभीरता से लेते हुए सभी थाना क्षेत्रों के थानाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सभी जगह जांच कराई जाएगी और उसमें ही आंकड़ा सामने आएेगा।
गौरतलब है कि पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो उत्तर प्रदेश में भी वह एनआरसी लागू करेंगे। इसके बाद अब डीजीपी ओपी सिंह ने गृह राज्य विभाग के 27 अक्टूबर 2017 के पत्र का हवाला देते हुए यह निर्देश जारी किया है। उन्होंने जिलों के सभी पुलिस कप्तानों के नाम जारी इस पत्र में शहर के बाहरी इलाकों के रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और बस्तियों में अवैध तरीके से रह रहे अवैध विदेशी नागरिकों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है।
Updated on:
01 Oct 2019 07:08 pm
Published on:
01 Oct 2019 07:07 pm
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