
VIDEO: मानसिक रूप से बीमार रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी के लिए NGO बना अवतार, अथक प्रयासों से अपनों के बीच पहुंचे बुजुर्ग
तेजेश चौहान/गाजियाबाद। अक्सर कहा जाता है कि यदि कोई अपनों को बिछड़ा हुआ मिला दे तो वह साक्षात भगवान बनकर ही आपके सामने आया है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली से सटे गाजियाबाद में देखने को उस वक्त मिला जब एक एनजीओ के द्वारा किए गए अथक प्रयासों से एक 70 वर्षीय बुजुर्ग रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया गया। जिसके बाद से परिजन बेहद खुश है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए अलवर राजस्थान के रहने वाले हरिओम शर्मा पुत्र घासीराम ने बताया कि उनके पिता की उम्र 70 वर्ष है और वह पोस्टल विभाग से रिटायर्ड हैं। अचानक ही वह डिप्रेशन में रहने लगे थे और उनकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी। जिसके बाद उन्होंने कई बार आत्महत्या करने का भी प्रयास किया, लेकिन सभी परिजन उनका बेहद ख्याल रखते थे। उनका इलाज भी कराया जा रहा था। जुलाई के आखिरी सप्ताह में वह अचानक ही लापता हो गए थे। जिसके बाद सभी परिजनों के द्वारा उन्हें काफी तलाशा गया।
उनका किसी तरह का कोई अता पता नहीं चल पाया और आखिरकार सभी परिजन यह मान बैठे थे कि कहीं उनके साथ कोई हादसा हो गया है। वह अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन जब उन्हें अचानक ही अलवर पुलिस के द्वारा यह सूचना मिली कि आपके पिताजी गाजियाबाद में एक एनजीओ में मौजूद है। तो सभी का खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जिसके बाद उन्होंने पुलिस के बताए अनुसार एनजीओ के संचालक आचार्य तरुण मानव से बात की तो पता चला कि वास्तव में उनके पिता जीवित है।
जिसकी सूचना के बाद वह अपने मित्र सुरेश यादव के साथ गाजियाबाद स्थित प्रेरणा सेवा संस्थान एनजीओ पहुंचे तो उन्होंने जैसे ही अपने पिता को देखा तो उनकी आंखों में खुशी से आंसू छलक आए और सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वह अपने पिता को अपने साथ अलवर राजस्थान ले गए हैं। जिसके बाद से उनका पूरा परिवार अपने बिछड़े हुए बुजुर्ग को मिलने के बाद से बेहद खुश हैं।
उधर, इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए एनजीओ के संचालक आचार्य तरुण मानव ने बताया कि 70 वर्षीय बुजुर्ग घासीराम पुत्र रामचंद्र शर्मा 7 अगस्त 2018 को थाना कविनगर इलाके के सेक्टर 23 में स्थित पशुपति भोजनालय के पास लावारिस हालत में बेसुध पड़े हुए मिले थे। जिसकी सूचना थाना कविनगर पुलिस को दी गई थी। सूचना के आधार पर पुलिस ने थाना कविनगर में जीडी में दर्ज करने के बाद संजय नगर जिला अस्पताल में उनका मेडिकल कराया गया और उसके बाद इन्हें प्रेरणा सेवा संस्थान को देखरेख के लिए सौंप दिया गया। तभी से एनजीओ के द्वारा इनका लगातार इलाज कराया जा रहा था। यह बुजुर्ग कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं थे। जब इनकी मानसिक स्थिति कुछ ठीक होने लगी तो इनसे पूछने के बाद यह केवल राजस्थान अलवर बताते थे। लेकिन जब इनकी स्थिति और ज्यादा बेहतर हुई तो 19 जून को जब इन से दोबारा बात की गई तो इन्होंने केवल फौजी कॉलोनी अलवर अपना पता बताया।
Updated on:
23 Jun 2019 03:00 pm
Published on:
23 Jun 2019 01:54 pm
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