
गाजियाबाद। लोकसभा चुनाव के आने में अभी काफी समय बाकि है। लेकिन रालोद ने अभी से जमीनी स्तर पर अपनी स्थिति को मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है। हाल ही में पार्टी की तरफ से पांच मई को बिजली घरों को घेरने के लिए प्लानिंग की गई है। अब इसके अलावा पार्टी अालाकमान की तऱफ से संगठन को मजबूत करने के लिए नया मंत्र दिया गया है। रालोद अपने पुराने फार्मूले के साथ कुछ नए प्रयोग भी करने जा रहा है। एक तरफ जहां पार्टी अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी मैदान संभाल चुके हैं वहीं दूसरी ओर पार्टी के हर कार्यकर्ता को टारगेट दिया गया है।
मुजफ्फरनगर कांड के बाद बदल गई स्थिति
पार्टी किसानों, जाटों और मुस्लिम वोटों का ऐसा ताना बाना बुनती थी कि उसकी पहुंच लोकसभा से लेकर विधानसभा तक रहती थी। समय के साथ इस सियासी तानेबाने को मुजफ्फरनगर दंगे की कैंची ने काट दिया। हालात ऐसे हो गए कि मुस्लिम और जाटों में दूरी बढ़ गई। इसका परिणाम पार्टी भुगत चुकी है और 2014 के लोकसभा चुनाव में चौधरी अजित सिंह और जयंत चौधरी को अपनी सीटें गंवानी पड़ीं।
सर्व समाज को जो़ड़ने के लिए दिया ये मंत्र
राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के जिलाध्यक्ष कपिल चौधरी बताते हैं कि सर्वसमाज को संगठन से जोडऩे के निर्देश पार्टी हाईकमान ने जारी किए हैं। हर कार्यकर्ता को सर्वसमाज के कम से कम तीन परिवारों को जोडऩे का टॉस्क दिया गया है। यह जुड़ाव राजनीतिक के साथ भावनात्मक भी होना चाहिए। रालोद का पश्चिमी यूपी में अपना अलग असर रहा है।
प्रदेश प्रवक्ता का कहना
प्रदेश प्रवक्ता इन्दरजीत सिंह टीटू ने बताया कि इस बार लोकसभा चुनाव में वेस्ट यूपी समेत बाकि जनपदों में भी रालोद का अच्छा प्रदर्शन होगा। चौधरी अजित सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जंयत चौधरी के साथ सभी समाज के कार्यकर्ता स्थिति को बदलने में लगे हुए है। भाजपा, बसपा सभी ने विकास के नाम पर भावनाओं के साथ में खिलवाड़ किया है। रालोद का हर कार्यकर्ता सर्वसमाज में जाकर घरों में दस्तक देगा।
Published on:
26 Apr 2018 02:00 pm
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