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गाजियाबाद पहुंची दूसरी रैपिड रेल, जल्द शुरू होगा ट्रायल, यात्रियों को मिलेगी खास सुविधा

गाजियाबाद के दुहाई डिपो में दूसरी रैपिड रेल पहुंच चुकी है। आज यानी मंलवार से इसके ट्रेलरों को उतारने का काम शुरू हो गया है। जल्द ही रेल के सभी कोच का उतार लिया जाएगा और फिर उन्हें असेंबल करने का काम शुरू होगा।

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गाजियाबाद के दुहाई डिपो में दूसरी रैपिड रेल पहुंच चुकी है। आज यानी मंलवार से इसके ट्रेलरों को उतारने का काम शुरू हो गया है। इसके लिए नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने पूरा प्लान तैयार कर लिया है। जल्द ही रेल के सभी कोच का उतार लिया जाएगा और फिर उन्हें असेंबल करने का काम शुरू होगा। इसके बाद दोनों ट्रेनों को एक साथ चलाकर ट्रायल का काम शुरू किया जाएगा। बता दें कि ये देश की पहली रैपिड रेल है। इसका निर्माण गुजरात के सांवली एलस्ट्रोम प्लांट में चल रहा है। एक ट्रेन सेट गाजियाबाद में पहले ही पहुंच चुका है, जबकि दूसरा ट्रेन सेट सोमवार को पहुंच चुका है और मंगलवार से उसे उतारने का काम शुरू किया जाएगा।

साल के अंत तक ट्रेन का ट्रैक पर ट्रायल शुरू

एनसीआरटीसी के अधिकारियों के अनुसार, रैपिड रेल के कोच को उतारकर गाजियाबाद के दुहाई डिपो लाया जाएगा। इसके बाद उन सभी कोचों को असेंबल कर के डिपो में ट्रेन के ट्रायल का काम शुरू किया जाएगा। हालांकि ये ट्रायल दोनों ट्रेनों को एक साथ चलाकर किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि इस साल के अंत तक ट्रेन का ट्रैक पर ट्रायल शुरू करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि ये ट्रायल तीन माह तक चलेगा। मार्च 2023 तक इसे पहले सेक्‍शन में चलाने की तैयारी की जा रही है।

ट्रैक और वायडक्‍ट का काम पूरा

बता दें कि दिल्‍ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्‍टम के तहत करीब 82 किमी कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इसमें गाजियाबाद में साहिबाबाद से दुहाई तक 17 किलोमीटर पर काम प्राथमकिता के आधार पर किया जा रहा है। इस पर ट्रैक और वायडक्‍ट का काम पूरा हो चुका है। इलेक्‍ट्रीफिकेशन का काम चल रहा है। प्राथमिक खंड में साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो स्टेशन होंगे।

ये होगी रेल के कोच की खासियत

1. कोच में यात्रियों व सामान रखने की पर्याप्त जगह होगी, सामान रखने के रैक लिए होंगी।
2. कोच में मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग प्‍वाइंट्स और वाईफाई की सुविधा होगी।
3. कोच में प्रवेश-निकास के कुल छह स्वचालित गेट होंगे।
4. दिव्यांगों के लिए दरवाजों के पास व्हीलचेवर की जगह होगी और स्टेचर तक ले जाने की सुविधा होगी।
5. यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्लेटफार्म पर स्वचालित दरवाजे होंगे।