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यूपी पुलिस के बुखार पीड़ित जवान को ओ पॉजिटिव की जगह डॉक्टरों ने चढ़ा दिया ए पॉजिटिव, मौत

एक बार फिर डॉक्टरों की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। इस बार मामला गाजियाबाद के नंबर वन हॉस्पिटल यशोदा का है। जहां इलाज के दौरान मुरादाबाद में तैनात यूपी पुलिस के जवान निखिल कुमार की मौत हो गई है। परिजनों का आरोप है कि निखिल का ब्लड ग्रुप ओ पाॅजिटिव था, जबकि डॉक्टरों ने उसे ए पॉजिटिव ब्लड चढ़ाया था।

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गाजियाबाद. एक बार फिर डॉक्टरों की घोर लापरवाही का मामला सामने आया है। इस बार मामला गाजियाबाद के नंबर वन हॉस्पिटल यशोदा का है। जहां इलाज के दौरान मुरादाबाद में तैनात यूपी पुलिस के जवान निखिल कुमार की मौत हो गई है। थाना सिहानी गेट पहुंचे परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बताया कि निखिल का ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव था, लेकिन डॉक्टरों ने खून की कमी होने पर उसे ए पॉजिटिव चढ़ा दिया, जिससे निखिल की मौत हुई है। परिजनों ने थाना सिहानी गेट में तहरीर दी है। पुलिस ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि सिपाही का ब्लड ग्रुप जानने के लिए विसरा जांच के लिए लैब भेजा जाएगा। यदि इस तरह का मामला सामने आता है तो निश्चित तौर पर लापरवाह चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के गांव नगला के रहने वाले योगेंद्र सिंह के तीन पुत्र थे, जिनमें से सबसे छोटे निखिल यूपी पुलिस के जवान थे। फिलहाल उनकी तैनाती मुरादाबाद मंडल के मैनाठेर थाने में थी। अचानक निखिल को बुखार आया और 14 अक्टूबर को उनकी हालत ज्यादा खराब होने लगी। उन्होंने इसकी जानकारी परिजनों को दी। जानकारी मिलते ही उसी समय निखिल के बड़े भाई निखिल को लेने मैनाठेर थाने पहुंच गए और उन्हें गाजियाबाद लाकर यशोदा अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करा दिया। यशोदा अस्पताल में निखिल का उपचार शुरू किया गया। अचानक निखिल को खून चढ़ाने की आवश्यकता हुई तो निखिल को खून चढ़ाया गया और तमाम जांच कराई गई। लेकिन, उसके बावजूद 19 अक्टूबर को उपचार के दौरान निखिल की मौत हो गई। जैसे यह सूचना पुलिस महकने को मिली तो पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और निखिल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया गया।

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नेम प्लेट से हुआ खुलासा

नितिन की मौत के बाद उसके दोस्त ने बताया कि निखिल को जब खून की आवश्यकता हुई थी तो निखिल के भाई और दोस्त ने ही खून दिया था। क्योंकि चिकित्सकों ने निखिल का ब्लड ग्रुप ए पॉजिटिव बताते हुए खून की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। निखिल की मौत के बाद उसके परिजन मैनाठेर पहुंचे। जहां निखिल की तैनाती थी। उसके कमरे से निखिल का बैग मिला। निखिल के बैग में जो निखिल की नेमप्लेट दिखाई दी। उस पर उसका ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव लिखा हुआ था। जैसे ही उन्होंने देखा तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि निखिल का ब्लड ग्रुप नेम प्लेट के अनुसार, ओ पॉजिटिव था। जबकि उसे ए पॉजिटिव चढ़ाया गया। परिजनों का आरोप है कि इस कारण से ही निखिल की मौत हुई है।

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