
गाजियाबाद। कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन 5.0 लागू है। इस बीच कई लोगों के मानवीय चेहरे में देखने को मिले हैं। जिन्होंने जरूरतमंदों को न केवल खाना उपलब्ध कराया, बल्कि उन्हें राशन व पैसे भी दिए। इस बीच जनपद का एक ऐसा मामला सामने जहां एक रिक्शा चालक का अंतिम संस्कार करने वाला कोई नहीं मिला। जिसके बाद महिलाएं आगे आईं और पूरी रीति-रिवाज से अंतिस संस्कार किया।
दरअसल, गाज़ियाबाद के थाना विजयनगर इलाके की शांति नगर ढूंढा हेड़ा निवासी रिक्शा चालक रामू की मृत्यु हो गई। वह शांति नगर कालोनी में रहता था। अपना व अपने परिवार का भरण पोषण वह रिक्शा चला कर करता था। उसकी मृत्यु होने पर किसी आस पड़ोस के लोगों में से उसके परिवार की सहायता को कोई नहीं आया।
इस घटना की जानकारी चौधरी बबीता डागर को हुई तो उन्होंने रामू के अंतिम संस्कार के लिए काफी लोगों को मानवता के लिए सहयोग करने को की सामाजिक संस्था व सामाजिक गुरूपों पर मैसेज व फोन कर मदद मांगी। लेकिन ना तो कोई समाज सेवक आगे आया और ना ही कोई एनजीओ।
वहीं जब आनन्द सेवा समिति की अध्यक्ष ममता सिंह को चौधरी बबिता डागर ने फोन पर जानकारी दी तो उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे चंद मिनटों में वहाँ आकर उसके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू करा दी। पुरुषों को बुलाने पर भी वो नहीं आये तो इन दोनों महिलाओं ने ही अंतिम यात्रा शरू की। इतना ही नहीं, इन दोनों समशान घाट जाकर वहां मृतक रामू का अंतिम संस्कार कार्य पूर्ण कराया और उसको अंतिम विदाई दी। उधर, इन दोनों महिलाओं की इंसानियत को देखकर हर कोई दंग है और लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं।
Published on:
02 Jun 2020 12:51 pm
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