
गाजियाबाद। सरकारी विभागों में फैले व्यापक भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सूचना अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी न दिए जाने वाले अधिकारियों को लेकर अब राज्य सूचना आयोग सख्त हो गया है। ऐसे अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए प्रमुख सचिव की तरफ से लेटर जारी किय़ा गया है। इसमें गाजियाबाद के कई अधिकारी भी शामिल हैं। जिन्होंने आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी का जबाव नहीं दिया। अब इन सभी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी है।
इन अधिकारिय़ों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी
इनमें पीसीएस अफसर विशाल सिंह, बसंतलाल, डीपीआरओ वीरेन्द्र के अलावा एएसपी अरविन्द पाण्डेय मुख्य रूप से शामिल हैं। यहां तैनात रहे सिटी मजिस्ट्रेट दीपेन्द्र चौधरी और सहायक निदेशक सूचना नवलकान्त तिवारी भी लपेटे में आ रहे हैं।
इन लोगों पर लगा जुर्माना
आरटीआई एक्टिविस्ट और समाज सेवियों की पहल पर 20 से 25 हजार रूपये का जुर्माना लग चुका है। इनमें राजीव कुमार के सवाल पर बिजली विभाग के एक्सईएन पीके सिंह पर 25 हजार, सुरेश चन्द्र के सवाल पर एक्सईएन बिजली एमएन श्रीवास्तव पर 25 हजार, योगेन्द्र कुमार के सवाल पर सीएमओ रहे अजय अग्रवाल पर पांच हजार, सचिन कश्यप के सवाल पर अजय गोयल पर 25 हजार, एनसी शर्मा के सवाल पर एएसपी अरविंद पाण्डेय पर 10 हजार का जुर्माना लग चुका है।
आय़ोग ने जताई नाराजगी
खुर्जा में एसडीएम रहते हुए इन्दु प्रकाश ने अनिल कुमार गुप्ता के सवाल का जवाब नहीं दिया। आयोग ने एसडीएम लोनी से पच्चीस हजार के अर्थदण्ड वसूली से जुड़ी फाइल डीएम गाजियाबाद को भेजी है। एडीएम विशाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई का पत्र शासन को लिखा गया है। इनके अलावा खुर्जा में तहसीलदार रहे आनन्द श्रीनेत पर कार्रवाई के लिए लिखा गया है। राज्य सूचना आयोग के आयुक्त ने उक्त अफसरों के प्रति भ्रामक सूचना देने एवं पब्लिक के साथ ही आयोग को भी गुमराह करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।
Published on:
28 Feb 2018 05:46 pm
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