
गाजियाबाद. जीडीए यानी गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में रिश्वतखोरी का एक और ताजा मामला सामने आया है। इस बार रिश्वतखोरी के आरोप में अवर अभियंता सहित दो अन्य कर्मचारियों का वीडियो बनकर सामने आया है। जिसमें तीनों रिश्वत लेते दिखाई दे रहे हैं। तीनों का वायरल वीडियो कर्मचारियों के मोबाइल में है। इससे एक बार फिर से जीडीए का भ्रष्टाचार जगजाहिर हो गया है।
रिश्वत का वीडियो हुआ वायरल
रिश्वत लेते मामले में अवैध निर्माण कराने के लिए जीडीए के अवर अभियंता रामेश्वर कुमार, सुपरवाइजर छोटे सिंह व कर्मचारी नरेंद्र सिंह प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए हैं। रिश्वत लेते हुए तीनों का वीडियो वायरल हुआ है। जिसको संज्ञान में लेते हुए जीडीए सचिव बृजेश कुमार तत्काल जांच बैठाई है। इतना ही नहीं सचिव ने मामले का संज्ञान लेकर तत्काल दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है जबकि अवर अभियंता को प्रवर्तन अनुभाग से हटाकर मुख्य अभियंता कार्यालय के संबद्ध कर दिया है। अवर अभियंता को निलंबित करने की संस्तुति कर रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
सीलिंग की धमकी दे ली रिश्वत
प्रवर्तन जोन-तीन में गोविदपुरम से सटी अवैध कॉलोनी रतन एन्क्लेव में एक युवक द्वारा 100 वर्ग गज के भूखंड पर मकान का निर्माण किया जा रहा था। आरोप है कि मकान की नींव की खुदाई शुरू होते ही जीडीए सुपरवाइजर छोटे सिंह व कर्मचारी नरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे और काम रुकवा दिया। अवैध कॉलोनी में मकान बनाने के लिए उन्होंने रिश्वत मांगी और न देने पर सीलिंग व ध्वस्तीकरण की धमकी दी। पीड़ित ने बतौर एडवांस पांच हजार रुपये की रिश्वत अवर अभियंता रामेश्वर कुमार को दी और वीडियो बना लिया।
निलंबन के बाद एफआईआर की तैयारी
रिश्वत की बाकी रकम न देने पर जीडीए के रिश्वतखोर अभियंता व कर्मचारियों ने निर्माणाधीन मकान को पिछले दिनों सील कर दिया। इसके बाद सील खोलने व अवैध निर्माण कराने के नाम पर रिश्वत ली गई। जीडीए के भ्रष्ट अभियंता व कर्मचारियों के उत्पीड़न से परेशान पीड़ित ने पूरी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दी। जीडीए अपर सचिव सीपी त्रिपाठी ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर तीनों आरोपितों के खिलाफ एफआईआर भी कराई जाएगी।
Published on:
26 Oct 2021 05:10 pm
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