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कर्मचारियों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ खोला मोर्चा, वजह जानकर चौक जाएंगे

निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों ने जमकर किया प्रदर्शन

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गाजियाबाद। बिजली के निजीकरण के विरोध में महकमें के अभियंताओं एवं स्टाफ ने प्रदेश व्यापी आहवान पर काम का बहिष्कार करते हुए राजनगर आरडीसी स्थित मुख्य अभियंता कार्यालय पर प्रदर्शन किया। संघर्ष समिति के सदस्यों ने कहा कि लखनउ,वाराणसी,गोरखपुर,मेरठ और मुरादाबाद शहरों में सरकारी कंपनियां मुनाफा दे रही है। जबकि आगरा में निजीकरण के बाद आठ सालों में पावर कारपोरेशन को करोडों का नुकसान हो चुका है। कर्मचारियों ने विभागीय अफसरों से तुंरंत प्रभाव से निर्णय वापस लेने कीी मांग की है।

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क्या है पूरा मामला

यूपी के पांच शहर लखऩऊ, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ और मुरादाबाद में बिजली का निजीकरण किया जा रहा है। बिजली कर्मचारी और अधिकारी इसे तुरंत प्रभाव सेे वापस लिए जाने की मांग कर रहे है। आज विरोध किए जाने के दौरान सभी ने स्पष्ट किया कि अगर मांग पूरी नहीं गई तो आंदोलन और भी लंबा चल सकता है।

आगरा में खरीदनी पड़ रही बिजली

संघर्ष समिति के संय़ोजक प्रभात सिंह ने बताया कि कानपुर व आगरा के फ्रेन्चाईजी का निर्णय एक साथ मई 2009 में किया गया था। बिजली कर्मचारियों के विरोध के चलते कानपुर में निजी हाथों में इसे नहीं सौंपी गई। जबकि आगरा की बिजली व्यवस्था 01 अप्रैल 2010 को टोरेंट को सौंप दी गई। आज हालत ये है कि टारेंट कंपनी आगरा में पावर कॉरपोरेशन से बिजली खरीद रही है और विभाग को 3.25 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान कर रही है। जबकि कानपुर में बिजली विभाग को 6.25 के हिसाब से राजस्व मिल रहा है।

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संघर्ष समिति के संय़ोजक प्रभात सिंह के मुताबिक आगरा की तरह से प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों में भी निजीकरण किया जा रहा है। निजीकरण के चलते पावर कारपोरेशन को सौ अरब से ज्यादा का चूना लग चुका है। वहीं दूसरे क्षेत्रों की व्यवस्था को भी सरकार बद से बदतर बनाने पर अमादा है। किसी भी दृष्टि से पावर कारपोरेशन का निजीकरण किया जाना उचित नहीं है। अब सरकार टकराव का वातावरण बना रही है। इसका हर तरीके से विरोध किया जाएगा। प्रदर्शन किए जाने के दौरान बीएनसिंह,प्रभात सिंह,डीके जैन,हदेश गोस्वामी,सत्यवीर सिंह,एससी यादव,जयभगवान गोयल,योगेंद्रलाखा आदि ने विचार रखे। इस मौके पर अधीक्षण अभिय़ँता बीएम शर्मा, अधीक्षण अभियंता जीडी द्विदी, राजीव गुप्ता, आरके बंसल, रवि अग्रवाल, डीके जैन, एससी यादव, जितेन्द्र राणा आदि मौजूद रहे।

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