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रालोद की प्रेसवार्ता में भिड़े कार्यकर्ता, अपमान पर पूर्व महानगर अध्यक्ष ने दी समर्थकों संग पार्टी छोड़ने की चेतावनी

गाजियाबाद में आयोजित राष्ट्रीय लोक दल की प्रेसवार्ता के दौरान आपस में ही भिड़े कार्यकर्ता

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव 2022 को लेकर सभी पार्टियां चुनावी बिसात बिछाने में लगी हुई हैं। इसी कड़ी में बुधवार को राष्ट्रीय लोकदल पार्टी ने भी अपना संगठन मजबूत करने के लिए एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया, लेकिन जब वरिष्ठ नेताओं का स्वागत चल रहा था। उसी दौरान आपस में कुछ कार्यकर्ता आपस मे भिड़ गए। इतना ही नहीं मीडिया कर्मियों के सामने भी कार्यकर्ता आपस में हाथापाई करने की नौबत आ गई।पूर्व महानगर अध्यक्ष रविंद्र चौहान ने आरोप लगाया है कि कुछ कार्यकर्ताओं ने उनका पार्टी के सभी कार्यकर्ता और मीडिया कर्मियों के सामने अपमान किया है। वह इस अपमान को सहन नहीं करेंगे। हालांकि इस बारे में पार्टी के आला अधिकारी अलग से एक मीटिंग कर सामंजस्य बिठाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जिस तरह से मीडिया के सामने प्रेस वार्ता के दौरान की आपस में कार्यकर्ताओं की भिड़ंत हुई है, इससे निश्चित तौर पर कहीं ना कहीं पार्टी का बहुत गलत संदेश लोगों तक पहुंचा है।

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पूर्व महानगर अध्यक्ष रविंद्र चौहान ने बताया कि वह पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता हैं और उन्होंने हमेशा पार्टी के संगठन को मजबूत करने का कार्य किया है। उनकी काबिलियत के आधार पर पार्टी के मुखिया जयंत चौधरी ने दो बार महानगर अध्यक्ष भी बनाया और ठाकुर बिरादरी से पार्टी के शीर्ष नेताओं में वह अकेले हैं। उसके बावजूद भी अपनी बिरादरी के काफी लोगों को जोड़ने का प्रयास करते हैं, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने उनका भरी सभा में अपमान किया है, जो सहने के योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि या तो पार्टी के शीर्ष नेता कोई ठोस निर्णय लेंगे, नहीं तो वह अपने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ राष्ट्रीय लोकदल पार्टी को छोड़ देंगे।

बहरहाल जिस तरह से प्रेसवार्ता के दौरान पार्टी के नेताओं में आपस में जोरदार भिड़ंत हुई और सभी के सामने गाली-गलौच और मारपीट की नौबत आई। यह संदेश पार्टी के लिए बहुत गलत गया है। जबकि इससे पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस बार पार्टी अपने आप को आगामी चुनाव के लिए पूरी तरह मजबूत होने की घोषणा कर रही थी। लेकिन, जिस तरह से बुधवार को यह घटना घटी उससे कहीं ना कहीं पार्टी की छवि अवश्य धूमिल हुई है।

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