
देश में सबसे प्रदूषित शहरों में दूसरे नंबर पर है यूपी का यह महानगर
गाजियाबाद। पर्यावरण को शुद्ध बनाये रखने के लिए सरकार तमाम तरह के जागरुकता अभियान से लेकर पेड़ पौधे लगाने में करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। पांच जून को पर्यावरण दिवस भी हैं। इस अवसर पर स्कूल से लेकर सरकारी विभागों में पर्यावरण को लेकर प्रोग्राम है, लेकिन इससे एक दिन पहले प्रदूषण विभाग से मिली इस रिपोर्ट ने गाजियाद को प्रदूषण में दूसरा नंबर दिया है। यानि यूपी के महानगरों में शामिल गाजियाबाद सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में दूसरे स्थान पर है। वहीं इसमें लोनी इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित है। यहां पर तमाम ऐसी फैक्ट्री और भट्टे चल रहे हैं । जिनके कारण लगातार प्रदूषण में इजाफा हो रहा है।
हवा में धूल के कण ज्यादा होने से सांस की समस्या
पिछले 2 दिन से गाजियाबाद में धूल भरी हवा चल रही है। जिसमें खासतौर से धूल के कण ज्यादा होने के कारण लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को देश भर में लोनी और गाजियाबाद शहर पूरी तरह रेड जोन में रहा। लोनी का क्यूआई 336 और गाजियाबाद का क्यूआई 309 रिकॉर्ड दर्ज किया गया। वर्तमान क्यूआई को मानकों के हिसाब से देखा जाए, तो यह करीब 3 गुना ज्यादा है। लगातार गाजियाबाद प्रदूषण के मामले में नंबर वन या नंबर दो पर रहा है । हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इसे लेकर कई बार बड़ी कार्रवाई करते हुए, सैकड़ों की संख्या में लोनी इलाके में फैक्ट्रियों को सील किया गया। और कुछ को ध्वस्त भी किया गया है।
प्रदूषण को लेकर प्रशासन गंभीर
इस पूरे मामले में गाजियाबाद की जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी का कहना है कि गाजियाबाद में लगातार प्रदूषण बढऩे को लेकर प्रशासन गंभीर है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कई स्तर पर बड़ी कार्रवाई भी की जा रही है ।उन्होंने बताया कि लगातार प्रदूषण बढऩे के कारण लोनी इलाके में सोमवार को अवैध रूप से चल रही तीन फैक्ट्री सील की गई। इनमें एक फैक्ट्री धवस्त भी की गई है। वहीं अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही ईट के भट्टों को भी बंद कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि सोमवार को ही पूरी टीम भनेड़ा गांव पहुंची और लोनी एसडीएम आदित्य प्रजापति की मौजूदगी में एक ईट भट्टे पर बड़ी कार्रवाई करते हुए। उसमें पानी भरवा दिया। जिसे वहां धूल ज्यादा ना उड़े और वायु प्रदूषण न फैले।
फैक्ट्री मालिकों को भी भेजा गया नोटिस
अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा प्रदूषण का कारण जनपद में खुले में चलाए जा रहे जनरेटर सेट और यहां स्थित तमाम ऐसी फैक्ट्रियां है। जिनमें से निकलने वाला पानी प्रदूषित होता है। वह भी नालियों के अंदर डाला जाता है। इससे जल प्रदूषण बढ़ता है। इसे रोकने के लिए फैक्ट्री संचालकों को नोटिस भेजा गया है।
Updated on:
04 Jun 2019 04:23 pm
Published on:
04 Jun 2019 01:35 pm
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