मामला गाजीपुर के खानपुर थानाक्षेत्र के जल्दीपुर, नेवादा व बिझवल गांवों का है। खबर आयी कि यहां करीब 30 परिवारों ने हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई मजहब अपना लिया है। इसके बाद तो खलबली मच गयी। पूर्वांचल के कई जिलों में पहले से ही इसे लेकर हंगामा हो चुका है। गाजीपुर में भी हिन्दू संगठन खासतौर से हिन्दू युवा वाहिनी इस खबर के बाद आक्रोशित नजर आयी। ऐसा दावा किया गया है कि काफी दिनों से चल रही फुलप्रूफ तैयारी के बाद पिछले तीन दिनों में 30 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। इसके चलते स्थानीय लोगों और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लग सकी। गांव में कई लोगों के घरों में क्रॉस मिले और दीवारों पर भी होली क्रॉस बनाया गया था। कुछ कमरों में ईसा मसीह की फोटो भी रखी थी, जिसकी पूजा की जाती थी। गांव के कई लोगों ने मीडिया के सामने ही घरों में लगे क्रॉस को तोड़ दिया।
इन खबरों के बीच मीडिया जब गांव में पहुंचा तो वहां का नजारा बदला हुआ था। गांव पहुंचने पर काफी तादाद में पुरुष वहां से कहीं चले गए थे। कुछ महिलाएं और बच्चे थे। उनसे पूछने पर पता चला कि उनके घरों में ईसा मसीह की पूजा होती है और माता-पिता प्रार्थना सभा के लिये जाते हैं। वो लोग अकेले नहीं जाते, बल्कि गांव के दर्जनों लोग उस प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिये जाते हैं। वहीं कई का दावा था कि उनके परिवार के कई बीमार लोग ईलाज व प्रार्थना के लिये वहां जाते थे पर अब ऐसा नहीं करते।
गांव के लोगों के मुताबिक ये लोग पहले जौनपुर के चंदवक अन्तर्गत भुल्लनपुर में प्रार्थना सभा में शामिल होते थे। दूरी ज्यादा होने के चलते महिलाएं वहां नहीं जा पाती थीं। इसके बाद वहां हंगामा हुआ और शासन-प्रशासन ने प्रार्थना बंद करा दी1 इसके बाद ईसाई धर्म प्रचारकों से बात कर फादर फोस्टर के नेतृत्व में अपने गांव में ही लोगों ने प्रार्थना सभा शुरू कर दी। हर रविवार को प्रार्थना सभाओं में भीड़ जुटने लगी। गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि तीन गांवों में अनुसूचित जाति, पाल, राजभर, यादव मुसहर और दो क्षत्रिय परिवारों को ईसाई धर्म प्रचारकों ने पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करा दिया है।
मामला सामने आने के बाद एलआईयू इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचकर पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। उधर जिलाधिकारी के बालाजी ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर कार्रवाई करने कीबात की हे। उन्होंने यह भी माना कि पिछले दिनों जोनपुर में जिस तरह से धर्म परिवर्तन का खेल हुआ, यह मामला भी उसी से जुड़ा लगता है।
By Alok Tripathi