
पितृ पक्ष के दौरान नए वस्त्र नहीं खरीदना चाहिए और ना ही पहनना चाहिए, इससे पितृ दोष लगता है।
श्राद्ध पक्ष के दौरान साबुन, शैम्पू या किसी भी प्रकार का तेल का उपयोग न करें।
पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन करवाने का नियम है। भोजन पूर्ण सात्विक एवं धार्मिंक विचारों वाले ब्राह्मण को ही करवाना चाहिए।
पितृ पक्ष के दौरान नए वस्त्र भी नहीं पहनने चाहिए।
पितृपक्ष में जो व्यक्ति श्राद्ध कर्म करता है उसे इस दौरान बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए। बाल और दाढ़ी कटवाने से धन की हानि होती है। ऐसे में 16 दिनों तक भूलकर भी बाल और दाढ़ी पर कैंची ना लगवाएं।
श्राद्ध पक्ष में किसी भी तरह की नई चीज़, जैसे घर, कपड़े, सोना आदि नहीं ख़रीदने चाहिए क्या आप ये जानते हैं
धर्म शास्त्रियों और विद्वानों के अनुसार, ये 16 दिन केवल पितरों के लिए होते हैं और इस समय आपका ध्यान केवल उनके तर्पण और उनको याद करने में होना चाहिए वहीं अगर आप इस दौरान नए कपड़े, घर या कोई और चीज़ खरीदते हैं या खरीदने के बारे में सोचते हैं, तो आपका ध्यान अपने पितरों पर से हट जाएगा और वो आपसे नाराज़ हो जाएंगे।
श्राद्धों में खरीदी गयी सभी वस्तुएं पितरों को समर्पित होती हैं, जिनका उपयोग करना उचित नहीं होता है क्योंकि उनमें आत्माओं का अंश होता है लोगों का ये भी मानना है कि अगर इस वक़्त कोई नई चीज़ ख़रीदी जायेगी, तो उससे हमारे पितरों को दुःख होगा और वो नाराज़ होंगे ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पितृपक्ष उत्सव का नहीं, बल्कि एक तरह से शोक व्यक्त करने का समय होता है उनके प्रति जो अब हमारे बीच नहीं रहे।
Published on:
09 Sept 2022 02:57 pm
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