
जिले के नवाबगंज नगर पालिका सहित ब्लॉक क्षेत्र के 63 गांव अयोध्या विकास प्राधिकरण में आ जाने के बाद विकास प्राधिकरण ने बिना नक्शा पास कराए किसी भी तरह के निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। जिसको लेकर इन गांव के ग्रामीणों की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इसके लिए हमें विकास प्राधिकरण का चक्कर महीनों लगाना पड़ता है। फिर भी नक्शा पास नहीं होता। जिसको लेकर नगर पालिका अध्यक्ष सहित विकासखंड के संबंधित गांव के प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बीते दिनों एक पत्र देकर समस्या का निजात कराने की मांग की है। उनकी मांग है कि इन गांवों को अयोध्या विकास प्राधिकरण से बाहर रखा जाए। ग्राम प्रधानों का कहना है कि गांव में कोई ही निर्माण शुरू होते ही विकास प्राधिकरण के कर्मचारी पहुंचकर उसे रोकवा देते हैं। उसके बाद जमीन का कागजात व नक्शा मांगते हैं। गांव में ग्रामीण पीढ़ी दर पीढ़ी आबादी की जमीन पर गुजर-बसर करते चले आ रहे हैं। लेकिन इन जमीनों का किसी के पास कोई कागजात नहीं है। ऐसे में वह विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को कौन सा कागजात सौंप दें। हालांकि सरकार ने घरौनी बनाने का काम शुरू कर दिया है। लेकिन सरकार की यह योजना अभी तक चयनित ग्राम पंचायतों के लिए ही सीमित रही है। नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र सिंह का कहना है कि विकास प्राधिकरण में शामिल होने के बाद से ग्रामीण अंचलों में किसी भी प्रकार के निर्माण शुरू किया जाता है तो कर्मचारी मौके पहुंच कर नक्शा व जमीन के मालिकाना हक संबंधित कागजात मांगते हैं।गांव में आबादी की जमीन पीढ़ी दर पीढ़ी से काबिज लोगों के पास कोई कागज नहीं होता है। लेकिन निर्माण कार्य करवाने में काम को रुकवा दिया जाता है। अवैध वसूली की शिकायतें भी मिल रही हैं। कोई व्यवस्था व सुविधा आम जनमानस के लिए नहीं उपलब्ध कराई गई है। क्षेत्र को अयोध्या विकास प्राधिकरण में शामिल किए जाने के बाद से लोग परेशान हैं।
Published on:
13 Jun 2022 06:54 pm
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