
बलरामपुर राजा का महल
बलरामपुर के महाराजा का फर्जी हस्ताक्षर बनाकर रियासत की कीमती जमीन हड़पने की आरोपी की गोंडा जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने मामले के मुख्य आरोपी की जमानत खारिज कर दी है।
बलरामपुर के महाराजा धर्मेंद्र प्रसाद सिंह की आराजी को हड़पने के उद्देश्य से दो जून 1996 को ही अंबिका प्रसाद, राजितराम निवासी गिर्दगोंडा कोतवाली नगर गोंडा के पक्ष में एक कूटरचित जाली व फर्जी वसीयतनामा तैयार किया गया था। उसपर जाली हस्ताक्षर बनाकर उसे नानपारा तहसील में प्रस्तुत कर चोरी-छिपे नौ जून, 2023 को नामांतरण आदेश पारित करा लिया। यही नहीं न्यायिक तहसीलदार नानपारा की ओर से उपनिबंधक गोंडा को भेजे गए सत्यापन पत्र के जवाब में फर्जी पत्र तैयार कर पत्रावली में शामिल कर दिया गया। इस फर्जी वसीयतनामा की प्रतिलिपि के लिए उपनिबंधक गोंडा के यहां आवेदन करने पर उन्होंने कूटरचित बताते हुए प्रतिलिपि देने से इन्कार कर दिया।
बलरामपुर के महाराजा (Balrampur Maharaja) की जमीन फर्जीवाड़ा में कई लोग रहे शामिल
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) अभिनव चतुर्वेदी ने बताया कि बलरामपुर रियासत के फील्ड सुपरवाइजर कौशल कुमार सिंह ने कोतवाली नगर गोंडा में प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि वे रियासत के स्वामित्व के अंतर्गत इलाहाबाद, वाराणसी, गोंडा, बलरामपुर व बहराइच में स्थित संपत्ति की देखभाल करते हैं। जून माह में जब उन्होंने बहराइच जिले के नानपारा तहसील के ग्राम जमदान के खाता संख्या - 230 की खतौनी निकाली तो पता चला किफर्जी वसीयतनामा में कोतवाली नगर क्षेत्र के छेदीपुरवा निवासी रामलाल और ग्राम लौकहवा गिर्दगोंडा के रहने वाले साधू हासिया गवाह हैं। चोरी-छिपे नामांतरण आदेश कराने में पीयूष कुमार श्रीवास्तव, हल्का लेखपाल देवतादीन वर्मा और गवाह कृष्ण कुमार निवासी ग्राम केवलपुर विरतिहा कोतवाली देहात, रघुनंदन निवासी लोनियन पुरवा गोंडा और ग्राम भगहर जमदान तहसील नानपारा की नाजिया ने साक्ष्य प्रस्तुत किया है। 21 जुलाई, 2023 को केस दर्ज कर पुलिस ने विवेचना शुरू की। बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान मामले के तथ्य, साक्ष्य व अपराध की गंभीरता को देखते हुए अपर जिला व सत्र न्यायाधीश-द्वितीय डाॅ. दीनानाथ ने आरोपी कृष्ण कुमार का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया।
Published on:
16 Feb 2024 05:31 pm
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