
ढेमवाघाट मार्ग पर भरा पानी सांकेतिक फोटो जेनरेट AI
Flood News: गोंडा जिले में सरयू नदी ने एक बार फिर अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। जिससे बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ ही तटीय गांवों में हड़कंप मच गया है। वहीं, बैराजों से छोड़े जा रहे पानी की मात्रा भी लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार की सुबह विभिन्न बैराजों से करीब 326901 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे नदी का मैदानी इलाका पूरी तरह लबालब हो गया है।
Flood News: सोमवार को सरयू नदी खतरे के निशान से 4 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। लेकिन मंगलवार की सुबह जलस्तर में अचानक तेजी आई। और यह 30 सेंटीमीटर ऊपर जा पहुंचा। प्रतिवर्ष बाढ़ की मार झेलने वाला नकहरा गांव एक बार फिर खतरे की जद में है। अगर यही रफ्तार रही तो अगले दो-तीन दिनों में यह गांव पूरी तरह पानी में समा सकता है। उधर, चंदापुर किटौली के मजरे बिचला और धुसवा, तथा बाराबंकी के बेहटा गांव के रेता पुरवा और चरपुरवा मजरे पहले ही चारों तरफ से पानी से घिर चुके हैं। हालांकि अभी गांवों के भीतर पानी नहीं घुसा है। लेकिन हालात को देखते हुए लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की तैयारी में हैं।
ग्राम बहुवन मदार मांझा में सरयू और बांध के बीच की लगभग एक किलोमीटर चौड़ी कृषि भूमि छह किलोमीटर क्षेत्र में जलमग्न हो चुकी है। किसान धान और गन्ने की फसल की तैयारी में थे। कई स्थानों पर फसल बोई भी जा चुकी थी। जो अब पानी में डूब गई है। वहीं, नदी की तेज धार से बहुवन मदार मांझा और चंदापुर किटौली में कटान रोकने के लिए लगाई गई परखोपाइन व बल्ली पायलिंग भी बह गई है। हालांकि इन उपायों से कुछ हद तक बहाव को मोड़ने में कामयाबी मिली है। अब नदी सीधे बांध से सट गई है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता जय सिंह ने बताया कि बांध की निगरानी लगातार की जा रही है। टीमें सक्रिय हैं और फिलहाल किसी तरह का खतरा नहीं है।
सरयू नदी के बढ़ते जलस्तर और पिछले दो दिनों से हो रही बारिश ने माझा क्षेत्र के गांवों में चिंता की लहर दौड़ा दी है। नदी का उफान अब बाढ़ का रूप लेने लगा है। ब्योंदा माझा, दत्तनगर, साकीपुर, तुलसीपुर, जैतपुर, दुल्लापुर, माझाराठ, दुर्गागंज, महेशपुर और कटरा भोगचंद सहित कई गांवों के खेत-खलिहान डूबने लगे हैं।
संपर्क मार्गों पर पानी भरने से ग्रामीणों का आवागमन भी प्रभावित हो गया है। लोग नावों और ऊंचे रास्तों से गुजरने को मजबूर हैं। गांवों में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम तरबगंज विश्वामित्र सिंह ने बाढ़ प्रभावित गांवों और राहत चौकियों का निरीक्षण किया। उन्होंने लेखपालों को अलर्ट मोड पर रहते हुए चौबीसों घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। तहसील, बाढ़ खंड और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम को अलर्ट कर दिया गया। नाव, बाढ़ राहत सामग्री सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। पुलिस प्रशासन, राजस्व, विकास विभाग की टीम अलर्ट मोड पर है। कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है। तटबंधों की लगातार निगरानी की जा रही है। अभी बाढ़ का पानी आबादी क्षेत्र में नहीं घुसा है।
Published on:
05 Aug 2025 11:44 am
बड़ी खबरें
View Allगोंडा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
