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अब गांव में केंद्र पर इकट्ठा होगा कूड़ा बनेगी खाद, प्लास्टिक कचरा से सड़क और टाइल्स, जानिए पूरी योजना

स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव में अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाए जाने के बाद अब 639 गांव में 82 करोड़ की लागत से कूड़ा निस्तारण केंद्र बनेंगे। जानिए कूड़े का कैसे उपयोग होगा।

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ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र

केंद्र सरकार की पहल पर शहर से लेकर गांव तक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कवायद शुरू हो गई है। पहले चरण में जिले के 72 गांव में अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाए गए थे। दूसरे चरण में 82 करोड़ की लागत से 693 गांव में कूड़ा प्रबंधन केंद्र बनेंगे। इन केदो पर सूखा गीला और प्लास्टिक कचरा अलग-अलग इकट्ठा किया जाएगा।अब इस कूड़ा से खाद प्लास्टिक कचरा से टाइल्स और सड़क बनेगी।

यूपी के गोंडा जिले में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत गांव और शहर को स्वच्छ बनाने के लिए प्रचार प्रसार के बाद अब धरातल पर योजना उत्तर आई है। गांव में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए पहले चरण में 5 हजार से अधिक आबादी वाले गांव का चयन किया गया था। इन 72 गांव में अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाए गए थे। यहां पर भी सूखा गीला और प्लास्टिक कचरा अलग-अलग इकट्ठा किया जाता है। प्रथम चरण का काम पूरा होने के बाद अब दूसरे चरण का काम शुरू होगा।

80 करोड़ की लागत से 693 गांव में बनेंगे कूड़ा निस्तारण केंद्र

गांव में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 80 करोड़ की लागत से 5 हजार से कम आबादी वाले 693 गांव में कूड़ा निस्तारण केंद्र बनेंगे।गांव के प्रत्येक घर से एकत्र होने वाले कूड़े से यहां पर प्लास्टिक, मेटल और जैविक कचरा अलग किया जाएगा। जैविक कचरे का प्रयोग खाद के रूप में तो प्लास्टिक अन्य कचरे को दूसरे केंद्र पर भेजने की व्यवस्था की जानी है। स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक ने बताया कि अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में कार्यदायी संस्था ग्राम पंचायत ही होगी, जो कि गांव की आबादी के अनुसार केंद्र की रूपरेखा तय करेगी।

प्रति व्यक्ति 340 रुपए होंगे खर्च

स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण की योजना में गांव में बनने वाले अपशिष्ट केंद्र के निर्माण में ग्राम प्रधान प्रति व्यक्ति 340 रुपए खर्च कर सकेंगे। इस तरह गांव की कुल आबादी दो हजार लोगों की है। तो एक केंद्र पर 6 लाख 80 हजार खर्च किए जा सकेंगे।

वजीरगंज में बन रहा प्लास्टिक रिसाइकिल केंद्र

कूड़े से निकलने वाला प्लास्टिक का रिसाइकिल किया जाएगा। के लिए वजीरगंज में प्लास्टिक रिसाइकिल केंद्र बनाया जा रहा है।इसके बाद इसे सड़क बनाने, प्लास्टिक टाइल्स बनाने व अन्य कार्यों में प्रयोग किया जाएगा।

डीपीआरओ बोले- दूसरे चरण में 693 गांव हुए चयनित

जिला पंचायत राज्य अधिकारी लालजी दूबे ने बताया दूसरे चरण में 693 गांव को चयनित किया गया है। अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाए जाएंगे। केन्द्र बनने के बाद गांव में कूड़े की छंटाई होगी। इससे स्वच्छता अभियान को और अधिक गति मिलेगी।