29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Gonda: डीएम की बड़ी कार्रवाई, अधिशासी अभियंता को भ्रामक रिपोर्ट देने पर विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि

Gonda news: डीएम ने सांसद निधि योजना में दो बार भ्रामक उपभोग प्रमाण पत्र भेजे जाने पर अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। जिससे विभाग में हड़कंप मच गया है।

2 min read
Google source verification
Gonda News

डीएम नेहा शर्मा

Gonda News: डीएम नेहा शर्मा ने सांसद निधि योजना में बड़ी लापरवाही पाए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त किया। वित्तीय प्रकरण में गंभीर अनियमितता पाई गई। एक ही मामले में दो बार भ्रामक उपभोग प्रमाण पत्र दिए जाने पर डीएम ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दिया है।

Gonda News: डीएम नेहा शर्मा ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियन्ता जेबी सिंह के खिलाफ वित्तीय प्रकरण में की गई गंभीर असावधानी एवं लापरवाही के दृष्टिगत मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि के अंतर्गत परिनिन्दा की गई है। सांसद विकास निधि योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में सांसद कैसरगंज द्वारा अनुमोदित तीन परियोजनाओं के सापेक्ष अवमुक्त प्रथम किश्त रुपये 28.227 लाख के उपभोग प्रमाणपत्र एवं द्वितीय किश्त की मांग से सम्बंधित पत्राचार में अधिशासी अभियन्ता ने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण को प्रेषित उपयोगिता प्रमाणपत्रों में धनराशि का अंकन त्रुटिपूर्ण पाया गया।

सीडीओ के प्रशिक्षण में खुली पोल, एक ही प्रकरण में दो बार भ्रामक रिपोर्ट

मुख्य विकास अधिकारी ने प्रस्तुत अभिलेखों के परीक्षण उपरांत यह तथ्य प्रकाश में आया कि अधिशासी अभियन्ता द्वारा दिनांक 4 फरवरी एवं 4 अप्रैल 2025 को प्रेषित दो अलग-अलग पत्रों में परियोजना "कलहंसनपुरवा मसौलिया परसपुर में शंकर के खेत से रिंकू के खेत तक 250 मीटर लम्बाई में इंटरलॉकिंग कार्य" की धनराशि क्रमशः रूपये 8.154 लाख एवं 13.69 लाख दर्शायी गई। जबकि वास्तविकता में उक्त परियोजना के लिए 7.786 लाख की धनराशि ही प्रथम किश्त के रूप में निर्गत की गई थी।

यह भी पढ़ें:Ayodhya News: अयोध्या में घूसखोर लेखपाल को रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

डीएम ने इसे गंभीर प्रकरण माना, अधिशासी अभियंता कार्यप्रणाली अत्यंत खेद जनक

एक ही प्रकरण में दो बार इस प्रकार की त्रुटिपूर्ण एवं भ्रामक सूचनाएं प्रदान किया जाना। प्रशासनिक प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करने वाला तथा अत्यन्त गंभीर वित्तीय लापरवाही का द्योतक माना गया है। परिणामस्वरूप द्वितीय किश्त की धनराशि निर्गत करने में अनावश्यक विलम्ब हुआ। जिससे विकास कार्यों की प्रगति प्रभावित हुई। डीएम ने इस गंभीर प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए अधिशासी अभियन्ता की कार्यप्रणाली को नितान्त खेदजनक एवं अस्वीकार्य बताते हुए मध्यावधि विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि के अंतर्गत "परिनिन्दा" की कार्रवाई की है। इस संदर्भ में प्रतिलिपि मुख्य विकास अधिकारी एवं अधीक्षण अभियन्ता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग वृत्त को आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रेषित की गई है।