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Good News: गोंडा के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को इन पाठ्यक्रमों को चलाने की मिली अनुमति

गोंडा सहित देवीपाटन मंडल और आसपास के जिले के छात्रों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा। गोंडा के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को बीटेक में कई पाठ्यक्रमों को चलाने की अनुमति मिल गई है।

गोंडाMay 30, 2024 / 08:28 am

Mahendra Tiwari

Government Engineering College Gonda gets permission for B.Tech courses

राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोंडा

यूपी की गोंडा जिले में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज को सिविल इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एवं कम्यूटर साइंस में बी.टेक पाठ्यक्रमों को चलाने की अनुमति मिल गई है। नये शिक्षा सत्र से इन पाठ्यक्रमों को चलाने की तैयारी की जा रही है। अब जिले ही नहीं आसपास के जिलों के छात्रों को तकनीकी पढ़ाई करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने जिले के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोण्डा को बी.टेक पाठ्यक्रम के संचालन को मंजूरी दे दी है। परिषद द्वारा गठित समिति ने संस्था के जांच और निरीक्षण के बाद लेटर ऑफ अप्रूवल जारी करने की संस्तुति कर दी है। इसके साथ ही,जिले के इस राजकीय कॉलेज में सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एवं कम्प्यूटर साइंस में बी.टेक पाठ्यक्रम संचालित करने का रास्ता साफ हो गया है।
राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोण्डा के प्रिंसिपल प्रो. गोविंद पाडेय ने बताया कि संस्थान के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी नेहा शर्मा और जिला प्रशासन के सहयोग के कारण इसे एआईसीटीई की अप्रूव्ल की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक पूरा किया जा सका है। प्रशासन की सफल कोशिशों का परिणाम है कि अब ज़िले और आसपास के जिलों के हजारों होनहार छात्रों को बेहतर तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिल सकेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 में जनपद के उतरौला रोड पर राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी थी। वर्तमान में निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। सत्र 2023-24 में संस्थान के पहले बैच में दाखिले लिए गए। हालांकि, निर्माण कार्य पूरा न होने के कारण दाखिला लेने वाले छात्रों की कक्षाएं राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज अम्बेडकरनगर के परिसर में ही संचालित की जा रही हैं।
नए सत्र से अपने परिसर में पढ़ेंगे छात्र

प्रिंसिपल प्रो. गोविंद पाडेय ने बताया कि सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल एवं कम्यूटर साइंस को मिलाकर प्रथम वर्ष में बी.टेक की 240 सीट हैं। नए सत्र में इनके लिए प्रवेश लिए जाएंगे। इनकी कक्षाओं का संचालन जिले स्थित अपने ही परिसर में संचालित करने की तैयारी है।

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