26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्कूल में सो रहे थे मास्टर जी, अचानक पहुंचा बच्चा तो उसके हाथों पर बरसाए इतने डंडे कि… देखें वीडियो

गोंडा जिले के खरगूपुर थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में गुरुजी खर्राटे मारकर गहरी नींद में सो रहे थे, बच्चों ने मचाया शोर तो...

2 min read
Google source verification
gaunariya primary school

गोण्डा. खरगूपुर थाना क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में गुरुजी खर्राटे मारकर गहरी नींद में सो रहे थे। बच्चों ने देखा तो उनकी हंसी छूट गई। इस दौरान कुछ बच्चे आपस में झगड़ा कर रहे थे। काफी शोर मचने पर जब गुरू जी की नींद खुली तो झगड़ा करने वाले बच्चे भाग खड़े हुए। गुस्साए और नींद से जागे गुरूजी को वहां एक बच्चा खड़ा मिल गया, जिसकी उन्होंने इतनी पिटाई कर दी, कि उसका दायां हाथ टूट गया। जब छात्र जमीन पर गिरकर चिल्लाने लगा तो आनन-फानन में अध्यापक ने उसे अपनी गाड़ी पर बिठाकर उसके हाथ प्लास्टर करा कर उसे घर भेज दिया।

मामला खरगूपुर थाना के प्राथमिक विद्यालय गौनरिया का है। इसी गांव के निवासी देवानन्द का 7 वर्षीय बेटा अभय इस विद्यालय में कक्षा दो का छात्र है। पिता द्वारा दिये गये प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि गुरुवार को उनका बच्चा अभय पढ़ने गया था। दोपहर करीब 1 बजे विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजकुमार वर्मा सो रहे थे। इसी बीच विद्यालय के दो बच्चे ज्ञानू और मोहन आपस में झगड़ा करने लगे। विद्यालय के अन्य बच्चों के साथ अभय भी खड़ा था। जब काफी शोर मचा तो गुरु जी जगे तो सभी बच्चे भाग खड़े हुए अभय मौके पर खड़ा था। आरोप है कि गुरुजी ने डंडे से पिटाई की, जिससे बच्चे का दायां हाथ टूट गया।

बोले प्रिंसिपल- हमें झूठा फंसा रहे परिजन
प्रधानाध्यापक राजकुमार वर्मा ने बताया कि बच्चे आपस में लड़ाई कर रहे थे, जिससे उसका हाथ टूट गया है। परिजन हमें झूठा फंसा रहे हैं। थानाध्यक्ष खरगूपुर अशोक सिंह ने बताया कि पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।

तबेला बना विद्यालय
अव्यवस्थाओं का शिकार प्राथमिक विद्यालय गौनरिया भीषण गन्दगी से कराह रहा है। हालत यह कि विद्यालय परिसर में जानवर बांधे जाते हैं। ऐसा लगता है कि अरसों बीत गये विद्यालय की साफ-सफाई नहीं हुई। इंडिया मार्का हैण्डपम्प खराब पड़ा है। शौचालय भी प्रयोगहीन है। विद्यालय के पूरे परिसर को घास फूस ने अपने आगोश में ले लिया है।