
लखनऊ. रायबरेली के ऊंचाहार में एनटीपीसी में बॉयलर ब्लास्ट से झुलसे कई लोगों की हालत अभी भी बेहद गंभीर है। लखनऊ के डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल से शुक्रवार को 6 लोग इलाज के लिए दिल्ली रेफर किये गए। झुलसे लोगों को एयरक्राफ्ट और एयर एम्बुलेंस से इलाज के लिए भेजा गया है। इलाज में जुटे कई डाक्टरों ने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में ऐसा बर्न नहीं देखा।
एयरलिफ्ट से 6 लोग भेजे गए दिल्ली
सिविल हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों में से शुक्रवार को गंभीर रूप से झुलसे देवलाल, सियाराम, विजय सिंह और अमृत लाल को सेना के एयरक्राफ्ट से जबकि नागेश्वर राव और भीम सिंह को एयर एम्बुलेंस से लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना किया गया। इन मरीजों को दिल्ली रेफर करने के बाद अब सिविल अस्पताल में 9 मरीजों रामदेव, मनोज, फ़िदा हुसैन, मंतु बरुआ, सुखदेव, शादाब, देशराज, रामानंद और महताब का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इनमें से कई ऐसे हैं, जिनकी हालत गंभीर है और उन्हें शनिवार को दिल्ली रेफर किया जाएगा।
कई जख्मी लोगों का सिविल अस्पताल में चल रहा है इलाज
डाक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के निदेशक डाक्टर एच एस दानु के मुताबिक ऊंचाहार में हुई घटना के बाद लोग सिविल अस्पताल में लाये गए थे जिनमें से एक की लाते समय ही रास्ते में मौत हो चुकी थी। इलाज के दौरान 5 अन्य की मौत हुई। दो झुलसे लोगों को लखनऊ के दूसरे अस्पतालों में रेफर किया गया। सात को गुरुवार को एयरलिफ्ट कराकर दिल्ली भेजा गया जबकि शुक्रवार को 6 लोगों को एयरलिफ्ट से दिल्ली भेजा गया। अब अस्पताल में 9 झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है जिनमें से कई गंभीर झुलसे लोगों को शनिवार को दिल्ली रेफर किया जाएगा।
500 डिग्री के तापमान से झुलसे हैं लोग
सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने बताया कि आमतौर पर जिस तरह के बर्न केस अस्पताल में आते हैं, यह उनसे पूरी तरह अलग है। बॉयलर में जिस समय विस्फोट हुआ, उस समय तापमान 500 डिग्री से भी ऊपर था। विस्फोट के बाद गर्म राख ने सीधे वहां मौजूद लोगों के फेफड़े में प्रवेश किया। डाक्टरों ने कहा कि इस तरह के बर्न केस आमतौर पर देखने को नहीं मिलते और इस बर्न की चपेट में आये मामूली व्यक्ति को भी खतरे से बाहर नहीं बताया जा सकता।
Updated on:
03 Nov 2017 06:01 pm
Published on:
03 Nov 2017 05:57 pm
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