अब कार्यकारिणी में भाजपा के 56 पार्षद इसके बाद अब कार्यकारिणी में भाजपा के 10 पार्षद और हो जायेंगे। ऐसे में अब भाजपा के 56 पार्षद नगर निगम में हो गए। वहीं, सौरभ विश्वकर्मा पहले भी भाजपा से पार्षद रहे हैं। लेकिन, हिंदु युवा वाहिनी से निस्काषित होने के बाद सौरभ विश्वकर्मा और उनके भाई चंदन विश्वकर्मा ने सपा ज्वॉइन कर लिया था। लेकिन, काफी दिनों से शहर में यह चर्चा थी कि एक बार फिर सौरभ विश्वकर्मा भाजपा के करीबी हो गए हैं।
सौरभ विश्वकर्मा और उनके भाई चंदन विश्वकर्मा पहले हिंदु युवा वाहिनी का नेता थे और सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते थे। 2017 चुनाव में वह हिंदु युवा वाहिनी में रहे सुनील सिंह के साथ पार्टी छोड़ दी। सुनील सिंह के साथ कोतवाली थाने में उपद्रव करने के आरोप में जेल भी गए।
सौरभ विश्वकर्मा व चंदन विश्वकर्मा पर गैंगस्टर व रासुका की कार्रवाई भी हो चुकी है। सुनील सिंह के साथ चंदन पर वर्ष 2018 में रासुका लगा था। दोनों भाइयों पर हत्या, हत्या के प्रयास सहित गंभीर आरोप में 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं। वे हिस्ट्रीशीटर भी हैं। जनवरी 2021 को दोनों भाइयों को राजघाट पुलिस ने तमंचे के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
अकेले राजघाट और कोतवाली थाने में दोनों पर 12 से अधिक केस दर्ज हैं। इनकी जमीन और मकान की भी कुर्की हो चुकी है। दोनों पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाहर सपा नेताओं के साथ प्रदर्शन कर पुलिस से हाथापाई, तोड़फोड़, सरकारी काम में बाधा डालने, 7 सीएलए की धाराओं में गुलरिहा और चिलुआताल थाने में भी केस दर्ज था।
पार्षद सौरभ विश्वकर्मा पर 17 और चंदन पर 23 गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। दोनों पर यह कार्रवाई डीएम विजय किरण आनंद के आदेश पर चुनाव को देखते हुए हुआ है। इनसे चुनाव में खलल पड़ने की पुलिस को आशंका थी।