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Gorakhpur News : भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद को कौन डरा रहा, आखिर क्यों कही ये बात

Gorakhpur News : भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद सपा के टिकट पर गोरखपुर नगर निगम का चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने गोरखपुर पहुंचकर किसी से न डरने वाला बयान दिया है।

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Nagar Nikay Chunav 2023

Gorakhpur News : गोरखपुर नगर निगम के मेयर पद के लिए सपा ने भोजपुरी अभिनेत्री काजल निषाद पर दांव खेला है। इसके बाद काजल ने गोरखपुर पहुंचकर किसी से न डरने वाला बयान दिया है। सपा की ओर से गोरखपुर नगर निगम के लिए मेयर पद की प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद यह उनका पहला बयान है।

आखिर कौन हैं काजल निषाद
काजल निषाद मूल रूप से मुंबई की रहने वाली हैं। उनके माता पिता कच्छ गुजरात के रहने वाले थे। काजल का जन्‍म 1 जून 1982 को गुजरात में हुआ था। वह मुंबई में बस गए। काजल की शादी गोरखपुर के भाऊपार गांव के रहने वाले भोजपुरी फिल्म निर्माता संजय निषाद के साथ हुई है।

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काजल को सब टीवी कॉमेडी शो 'लापतागंज' (2009-2010) और भोजपुरी फिल्म 'शादी बियाह' में अपने किरदार चमेली के लिए जाना जाता है। उन्होंने कलर्स टीवी के इश्क का रंग सफ़ेद में कनक त्रिपाठी की भूमिका भी निभाई।

इस वजह से सपा ने गोरखपुर में काजल को दिया टिकट
जानकारों का मानना है कि सवर्ण प्रत्याशी होने के बाद भी इस वर्ग के मतदाता बंट जाते। जिन सवर्ण मतदाताओं का नाम उछल रहा था, वे भी मैदान में उतरने को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रहे थे। ऊपर से एक लाख से अधिक मतदाताओं वाली जाति विशेष भी सपा के पाले में नहीं आ पा रही थी।

ऐसे में पार्टी हाईकमान ने काजल निषाद को बतौर प्रत्याशी को मैदान में उतारने का निर्णय लिया। हाईकमान का मानना है कि पार्टी के परंपरागत वोट तो सपा के पक्ष में जाएंगे ही, पिछड़ी जाति का प्रत्याशी होने से विशेष जाति का रुझान भी बढ़ेगा। दलित जाति के वोटों को सपा के पक्ष में लाने के लिए स्वयं नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है।

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पार्टी के दिग्गजों को लगा झटका
खुद पार्टी के कई नेताओं को काजल के उम्मीदवार बनने से झटका लगा है। सीट सामान्य होने की वजह से सभी को उम्मीद थी की उम्मीदवार भी सामने वर्ग का ही होगा। मगर, जातिगत गणित में फिट बैठने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने काजल पर दांव लगाया।

गोरखपुर पहुंची काजल ने कहा, वह डरने वाली नहीं
काजल ने चर्चित गायिका का गीत गाते हुए भाजपा पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि रवि किशन, निरहुआ और मनोज तिवारी भले ही भाजपा के प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में आ जाएं, लेकिन वे भी डरने वाली नहीं हैं, वह सीधी टक्कर देंगी। वे जनता के मुद्दे पर जनता के साथ खड़ी हैं। वे जुनून और जोश के साथ कोशिश करेंगी।


दो बार चुनाव हार चुकी हैं काजल निषाद
2012 में अभिनय के साथ राजनीति में एंट्री करने वाली काजल निषाद दो बार चुनाव हार चुकी हैं। पहली बार उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर गोरखपुर से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसमें वह हार गई थीं। इसके बाद उन्होंने निषाद पार्टी का दामन थाम लिया था। 2017 में उन्हें चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। इसके बाद साल 2021 में काजल सपा में शामिल हो गईं।

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सात अगस्त 2021 को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने काजल निषाद को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने फिर सपा प्रत्याशी के रूप में ताल ठोंकी। इस बार सपा ने उन्हें गोरखपुर के कैपियरगंज सीट से अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन यहां भी काजल निषाद की किस्मत ने साथ नहीं दिया, वे फिर चुनाव हार गईं।