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13 अप्रैल से शुरू हो रहा चैत्र नवरात्र, जानें पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

locationगोरखपुरPublished: Apr 11, 2021 12:37:39 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) शुरू हो रहा है। यह त्योहार नौ दिनों तक यानी 13 से 21 अप्रैल तक चलेगा। 22 अप्रैल को समापन होगा।

13 अप्रैल से शुरू हो रहा चैत्र नवरात्र, जानें पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

13 अप्रैल से शुरू हो रहा चैत्र नवरात्र, जानें पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

गोरखपुर. 13 अप्रैल से चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) शुरू हो रहा है। यह त्योहार नौ दिनों तक यानी 13 से 21 अप्रैल तक चलेगा। 22 अप्रैल को समापन होगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होगी। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूप की उपासना की जाती है। इस साल नवरात्रि के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त, अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग आदि शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। नवरात्र को देखते हुए मंदिरों में तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिरों में पूजा कराई जाएगी।
गोरखपुर से आचार्य दिवाकर मणि त्रिपाठी के अनुसार, इस बार नवरात्र में देवी मां का आगमन घोड़े पर होगा। चैत्र, आषाढ़, माघ और शारदीय सहित चार नवरात्र होता है। इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्र को मुख्य माना जाता है। आचार्य ने कहा कि कलश स्थापना के दिन देवी किस वाहन पर सवार होकर पृथ्वी लोक की ओर आ रही हैं, इसका मानव जीवन पर काफी प्रभाव होता है। वैसे तो मां दुर्गा का वाहन शेर होता है। लेकिन हर वर्ष नवरात्र के समय तिथि के मुताबिक देवी मां अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर धरती पर आती हैं। इस वर्ष चैत्र नवरात्र पर देवी मां का आगमन घोड़े पर होगा। अगर नवरात्र का आरंभ रविवार या सोमवार को होता, तो इसका मतलब है देवी मां हाथी पर सवार होकर आतीं। बुधवार को नवरात्र पूजा शुरू होता है तो मां नाव पर सवार होकर आती हैं। बृहस्पतिवार या शुक्रवार को नवरात्र का शुभारंभ होता, तो देवी मां डोली चढ़कर आती। अगर शनिवार या मंगलवार को नवरात्र का आंरभ होता है तो देवी मां घोड़े पर सवार होकर आतीं।
कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

मंगलवार 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। कलश स्थापना का दूसरा मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 47 मिनट तक है।
चैत्र नवरात्रि पूजन सामग्री

चैत्र नवरात्र पर माता के दर्शन में मिट्टी का एक बर्तन, कलश, सात प्रकार के अनाज (सप्तधान्य), गंगाजल, कलवा/मौली, आम या अशोक के पत्ते (पल्लव), पवित्र स्थान की मिट्टी, नारियल, सुपारी, अक्षत (कच्चा साबुत चावल), पुष्प और पुष्पमाला, लाल कपड़ा, सिंदूर, आदि चढ़ाया जाता है।
चैत्र नवरात्र महत्व

चैत्र नवरात्र के दिनों में अखंड ज्योत जलाने का बहुत अधिक महत्व होता है। अखंड ज्योति जलाने के बाद घर को खाली नहीं छोड़ा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के दौरान देवी मां धरती पर आती हैं। इन नौ दिनों में रोजाना देवी मां को भोग लगाना चाहिए। देवी मां को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाना चाहिए। साथ ही देवी मां को लाल रंग के पुष्प अर्पित करना शुभ माना गया है।
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