
Chauri Chaura Yogi
गोरखपुर. चौरी-चौरा (Chauri Chaura) प्रकरण की तारीख में तब्दीली की जाएगी या यूं कहे कि सही की जाएगी। साथ ही चौरी-चौरा की घटना में 'कांड' शब्द भी हटेगा। दस्तावेजों में इसके बदलाव को लेकर तैयारी की जा चुकी है। इंडियन काउंसिल आफ हिस्टोरिकल रिसर्च (आइसीएचआर) ने इस बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दरअसल इतिहासकारों के हिसाब से चौरी चौरा के साथ 'कांड' शब्द पूरे तरह से नकारात्मक है। बल्कि चौरी चौरा प्रकरण का लक्ष्य सकारात्मक था। इतिहासकारों का एक और तर्क है। वह यह कि कांड में पराधीनता के खिलाफ अराजकता का भाव निहित है। ऐसे में अब चौरी चैरी के साथ 'कांड' शब्द की जगह 'स्व का जागरण', 'सर्वजन का आक्रोश', 'प्रतिरोध', 'भारतीय जनमानस की प्रतिक्रिया' 'जलियांवाला कांड का प्रतिउत्तर' जैसे शब्दों का प्रयोग करना होगा। ऐसा ही तारीख में भी बदलाव होगा।
किताबों में गलत पढ़ाया जा रहा-
बताया जा रहा है कि किताबों में इस घटना की तारीख 5 फरवरी अंकित है, जबकि 4 फरवरी की शाम चार बजे यह घटना घटित हुई थी। इसका प्रशासनिक रिकार्ड के साथ-साथ उस समय छपने वाले प्रमुख अखबार 'लीडर' में भी जिक्र है। ऐसे में किताबों में अब तक इस प्रकरण की तारीख गलत बताई जाती रही है।
Published on:
04 Feb 2021 04:58 pm
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