गोरखपुर विश्वविद्यालय में करोड़ों की लागत से बनने वाले गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 30 सितंबर को करेंगे। यूजीसी के चेयरमैन डीपी सिंह भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे। शासन ने शोधपीठ निर्माण के लिए 13.73 करोड़ पहले ही जारी कर दिया। बीते दिनों कैबिनेट ने धनराशि की स्वीकृति दे दी थी।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में एक स्वतंत्र इकाई की तरह शोधपीठ काम करेगी। इसके संचालन के लिए एक डायरेक्टर की नियुक्ति की जाएगी। शासन ने पहले ही शोधपीठ के लिए 28 पदों को सृजित कर दिया है। एक निदेशक के अलावा उपनिदेशक, रिसर्च एसोसिएट व लाइब्रेरियन सहित 19 पद परमानेंट होंगे। जबकि समूह ग व घ श्रेणी के सभी पद आउटसोर्सिंग से भरे जाएंगे।
शोध पीठ का निर्माण विवि के पुराने वाणिज्य भवन को गिराकर कराया जाएगा। नया भवन तीन मंजिला बनाया जाएगा। शोधपीठ की अपनी लाइब्रेरी होगी। यहां गेस्ट हाउस समेत अन्य सभी सुविधाएं होगी जिससे बाहर से आकर शोध करने वालों को कोई दिक्कत न हो सके।