
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर. Shriti Pandey included in forbes top 30 scientists List. गेहूं के डंठल व भूसे के बने पैनल से कम लागत में टिकाऊ मकान तैयार कर सुर्खियों में आईं गोरखपुर की श्रिति पांडेय को फोर्ब्स मैगजीन ने एशिया के सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया है। मशहूर अमेरिकी बिजनेस पत्रिका फोर्ब्स की इस सूची में 30 या उससे कम उम्र के उन युवा वैज्ञानिकों को शामिल किया जाता है, जिन्होंने उद्योग, विनिर्माण या ऊर्जा के क्षेत्र में कोई ऐसा शोध किया है, जो समाज और उद्योग जगत के लिए उपयोगी हो। मैगजीन की ओर से श्रिति को ई-मेल के जरिए यह जानकारी दी गई। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार ने उनके इस प्रोजेक्ट को स्टार्टअप में भी शामिल कर लिया है।
श्रिति पांडेय ने गेहूं के डंठल, धान के पुआल और भूसे से कंप्रेस्ड एग्री फाइबर पैनल बनाया है। इस पैनल के जरिए मकान बनाने पर लागत काफी कम आती है, साथ ही वह टिकाऊ भी होता है। इस प्रयोग के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने न केवल उन्हें सराहा, बल्कि श्रिति को वर्ष 2019 में सम्मानित भी किया था। श्रिति बताती हैं कि डंठल और पुआल का निस्तारण न हो पाने की स्थिति में किसान उसे जला देते हैं। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति तो प्रभावित होती ही है, पर्यावरण भी दूषित होता है। इस प्रयोग के इस्तेमाल से न केवल किसानों को फसलों के अवशेष से इनकम होगी, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
गोरखपुर में उद्योग लगाने की तैयारी
श्रिति पांडेय ने कंपनी स्थापित कर अपने प्रयोग को धरातल पर लाने का अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। जल्द ही वह गोरखपुर के आसपास उद्योग लगाएंगी। श्रिति के पिता महात्मा गांधी इंटर इंटर कॉलेज के प्रबंधक मंकेश्वर पांडेय ने बताया कि प्रयोग आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। सरकारी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद यह कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेटी के इस अभिनय प्रयोग से पूरा पूर्वांचल लाभान्वित होगा।
Published on:
21 Apr 2021 07:55 pm
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