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शिक्षा ही अच्छे व्यक्ति और समाज के निर्माण की आधारशिलाः राज्यपाल आनंदीबेन

locationगोरखपुरPublished: Dec 11, 2019 02:06:44 am

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक समारोह का समापन

शिक्षा ही अच्छे व्यक्ति और समाज के निर्माण की आधारशिलाः राज्यपाल आनंदीबेन

शिक्षा ही अच्छे व्यक्ति और समाज के निर्माण की आधारशिलाः राज्यपाल आनंदीबेन

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद संस्थापक सप्ताह समारोह का समापन मंगलवार को हुआ। मुख्य कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने विजेता छात्र/छात्राओं को पारितोषिक देकर सम्मानित किया।
गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षा विकास की कुंजी होती है। भारत के विकास का अर्थ है, भारत में शिक्षा का विकास। शिक्षा ही अच्छे व्यक्ति और समाज के निर्माण की आधारशिला होती है। सही मायने में, उसी समाज और व्यक्ति को शिक्षित माना जा सकता है, जहां प्रेम, करुणा, और सद्भाव जैसे मूल्यों को सर्वाधिक महत्व दिया जाता है। शिक्षा का प्राथमिक एवं व्यापक उद्देश्य ही लोक कल्याण है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज में मार्गदर्शक के रूप में अपने महत्व को पहचाने और योग्य नागरिक के निर्माण की अनवरत साधना का मार्ग प्रसस्त करें। इस दृष्टि से महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् की भूमिका स्वतन्त्रता प्राप्ति से पूर्व ही महन्त दिग्विजयनाथ ने बहुत योजनाबद्ध ढंग से पवित्र उद्ेश्य के साथ रखी थी जिस गोरक्षपीठ के श्री महन्तों ने लगातार प्रज्ज्वलित किया है। पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान एवं सामाजिक ज्ञान की उपयोगिता वर्तमान समय में लगातार महत्वपूर्ण होती जा रही है।
गोरक्षपीठ का राष्ट्रीय आन्दोलन में महती भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान, राष्ट्रीय-स्वाभिमान से जुड़ी आधुनिक शिक्षा प्रदान करने का एक अभियान शुरू हुआ। महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित ‘बी.एच.यू.’ से लेकर महंत दिग्विजयनाथ द्वारा ‘महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद्’ की स्थापना, उसी शिक्षा-अभियान के ज्वलंत उदाहरण हैं। सन् 1932 में, इस ‘परिषद’ की स्थापना, गोरखपुर तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा के विकास को गति और दिशा प्रदान करने में मील का पत्थर साबित हुई है। उन्होनंे कहा कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद में अपने दो महत्वपूर्ण महाविद्यालयों का, गोरखपुर विश्वविद्यालय में पूर्ण विलय करके, निर्माणाधीन विश्वविद्यालय को एक बना-बनाया परिसर उपलब्ध कराया था। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शिक्षा के साथ-साथ सेवा कार्यो को भी योगी आदित्यनाथ अपना मार्गदर्शन प्रदान कर रहें हैं। आज ‘परिषद्’ द्वारा शिक्षा एवं समाज सेवा के लिए कार्यरत 45 संस्थान चलाए जा रहे हैं। यह समारोह, इस ‘परिषद’ के संस्थानों से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए, संस्थापकों के आदर्शों के प्रति अपनी आस्था को दोहराने का भी अवसर है। मुझे विश्वास है कि महान विभूतियों के नाम से आज पदक प्राप्त करने वाले सभी युवा, देश के भविष्य के लिए अपना सार्थक योगदान देंगे। साथ ही, वे अपने संगी-साथियों में प्रेरणा का भी संचार करेंगे।
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शिक्षा ही अच्छे व्यक्ति और समाज के निर्माण की आधारशिलाः राज्यपाल आनंदीबेन
राज्यपाल ने किया मंदिर का दर्शन

राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल समारोह में सम्मिलित होने से पूर्व महायोगी गुरू गोरखनाथ का दर्शन किया तथा ब्रह्मलीन महन्त दिग्विजयनाथ एवं राष्ट-संत महन्त अवेद्यनाथ की समाधि पर माल्यार्पण कर अपना श्रद्धासुमन अर्पित किया।
समारोह में योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथ राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल को उत्तरीय एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत एवं अभिनन्दन किया। इससे पूर्व कार्यक्रम में स्वागत भाषण महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह तथा आभार ज्ञापन शिक्षा परिषद् के सदस्य प्रमथ नाथ मिश्र व संचालन श्रीभगवान सिंह ने किया। इस अवसर पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी.के. सिंह, बी.आर.डी. मेडीकल कालेज के प्राचार्य डाॅ. गणेश प्रसाद, प्रो. हरिजी सिंह, प्रो. विनोद कुमार सिंह, प्रो. रविशंकर सिंह, प्रो. ओ.पी. पाण्डेय, डाॅ. मायाशंकर सिंह, डाॅ. आर.डी. राय, विधायक फतेह बहादुर सिंह, शीतल पाण्डेय, उपेन्द्र दत्त शुक्ला, डाॅ. धर्मेन्द्र सिंह, प्रान्त प्रचारक सुभाष, रामजन्म सिंह, ज्योति मस्करा, राजेश मोहन सरकार आदि मौजूद रहे।
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