
मुख्यमंत्री के शहर में खुला पहला बिजली थाना, बिजली चोरी करने वालों की खैर नहीं
मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) के क्षेत्र में बिजली चोरी रोकने व बिजली संबंधी मामलों का केस दर्ज करने के लिए पहला बिजली थाना खुल गया है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पाॅवर एंटी थेफ्ट थाना (Power anti theft Police station in Gorakhpur)) का शुभारंभ किया गया। बिजली चोरी संबंधी मामलों में एफआईआर यहां दर्ज हो सकेगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने के बाद प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए अलग से थाना खोलने की कवायद प्रारंभ हुई। गोरखपुर में इस थाने को अमलीजामा पहनाया गया। शहर के मोहद्दीपुर स्थित विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता के पुराने कार्यालय में थाना खोला गया है। एफआईआर के बाद जाच की प्रक्रिया भी यहीं पूरी होगी। इस थाने के खुलने से छापेमारी करने में लोकल पुलिस पर निर्भरता भी खत्म हो जाएगी। विभाग का मानना है कि बिजली चोरों के खिलाफ लगातार अभियान भी चलाया जा सकेगा।
विभाग का दावा है कि गुजरात में बिजली थाना बनाने के बाद चोरों के खिलाफ कार्यवाही में आसानी हुई है। बिजली चोरी पर शिकंजा कसने का परिणाम है कि गुजरात में लाइनलॉस में भी कमी आई है।
यूपीपीसीएल वहन करेगा सारा खर्च
उत्तर प्रदेश के जिलों में खुल रहे इन एंटी पाॅवर थेफ्ट थानों या विशेष पुलिस थानों का सारा खर्च यूपीपीसीएल(UPPCL) वहन करेगा। उत्तर प्रदेश पाॅवर कारपोरेशन लिमिटेड(Uttar Pradesh Power corporation limited) इन थानों में तैनात पुलिसवालों की तनख्वाह भी देगा।
थानों में दर्ज बिजली चोरी के मामले की फाइल मंगाई जाएगी
चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने बताया कि बिजली थाना शुरू होने के बाद अब दूसरे थानों पर बिजली चोरी के दर्ज मामलों को यहां मंगाया जाएगा। यहां मामला दर्ज करने के साथ विवेचना भी किया जा सकेगा। इससे राजस्व वसूली में भी तेजी आएगी।
गोरखपुर में इतने पद हुए सृजित
Published on:
16 Aug 2019 08:45 pm
बड़ी खबरें
View Allगोरखपुर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
