गोरखपुर। संग्रहालय मात्र भवन नही बल्कि अतीत और वर्तमान के बीच के महत्वपूर्ण संवाद सेतु भी होते हैं। विवि में पूर्वांचल संग्रहालय की स्थापना इस अंचल की सांस्कृतिक धरोहर और पुरा संपदा को नई पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत करने के दायित्व निर्वहन के लिए हुई है। संग्रहालय अपने इस दायित्व को पूरा करने में सफल हो इस के लिए यह भी आवश्यक है कि इस अंचल के नागरिक अपनी तरफ से भी इस संग्रहालय में रखे जाने योग्य सामग्री उपलब्ध कराने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करें ।
यह विचार गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय
कृष्ण सिंह ने परिसर में पूर्वांचल संग्रहालय के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किया ।
प्रो सिंह ने कहा कि संग्रहालय अतीत के वैभव और सभ्यता की समृद्धि की गाथाएं लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं और किसी भी देश के नागरिकों को अपने देश के प्रति गौरवान्वित होने का अवसर उपलब्ध कराते हैं । इस अवसर पर उन्होंने आशा व्यक्त की कि पूर्वांचल संग्रहालय लगातार समृद्ध होगा और नए नए कार्यक्रमों के द्वारा दर्शकों से निरंतर संवाद बनाए रखेगा ।
इससे पूर्व कुलपति प्रो. सिंह ने इस अंचल के प्रख्यात राजनेता स्वर्गीय मोहन सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया । उल्लेखनीय है स्वर्गीय मोहन सिंह ने सांसद रहते हुए अपनी सांसद निधि से दो करोड़ रुपए की राशि इस भवन के निर्माण हेतु प्रदान की थी। इस भवन का लोकार्पण पूर्व कुलपति प्रो. अशोक कुमार के कार्यकाल में 14 मई 2016 को 3 महिला सांसदों जया बच्चन, डिंपल यादव एवं स्वर्गीय मोहन सिंह की सुपुत्री कनक लता सिंह द्वारा किया गया था ।
कुलपति प्रो सिंह ने आज इस अंचल के पुरा संपदा संग्राहक स्वर्गीय पीके लाहिड़ी द्वारा भेंट की गई 3 दर्जन से अधिक पुरा सामग्रियों की प्रदर्शनी तथा इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा सम्मानित हेरिटेज फोटोग्राफर संदीप कुमार श्रीवास्तव की आंचलिक सांस्कृतिक धरोहर पर केंद्रित फोटो प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
स्वागत करते हुए संग्रहालय के निदेशक तथा प्राचीन इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजवंत राव ने संग्रहालय के महत्व तथा उसकी उपयोगिता की चर्चा करते हुए पूर्वांचल संग्रहालय की भविष्य की योजनाओं तथा कार्यक्रमों के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में संग्रहालय में इस अंचल की लोक संस्कृति तथा उपकरणों को शामिल किया जाएगा और समय-समय पर लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया जाएगा ।
कुलपति द्वारा स्वर्गीय पीके लाहिड़ी के सुपुत्र अचिंत्य लाहिड़ी एवं संदीप कुमार श्रीवास्तव का विश्वविद्यालय की ओर से अभिनंदन भी किया। समारोह का संचालन विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने किया।
इस अवसर पर प्रो. गोपीनाथ, प्रो. चितरंजन मिश्र, प्रा.े हरि शरण, प्रो. विनोद कुमार सिंह, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.
रजनीकांत पांडेय, प्रो. जितेंद्र मिश्र, स्वर्गीय लाहिड़ी की धर्मपत्नी श्रीमती कुमकुम लाहिड़ी, इंटैक के महावीर प्रसाद कंदोई, डॉ. हरिशंकर श्रीवास्तव, डॉ अतुल त्रिपाठी, डॉ पीके बसु, डॉ. शिराज अख्तर वजीह, संग्रहालय की संचालन समिति के सदस्य प्रो चंद्रभूषण अंकुर, डॉ. दिव्या सिंह डॉ. ध्यानेंद्र दुबे आदि मौजूद रहे।