
फोटो सोर्स: पत्रिका, गोरखपुर की डॉक्टर पद्मिनी मिश्रा के रिसर्च को अंतराष्ट्रीय पत्रिका में मिली जगह
गोरखपुर में पुलिस विभाग में तैनात सब इंस्पेक्टर(साइबर थाना) विवेक कुमार मिश्रा की पत्नी डॉ पद्मीनी मिश्रा ने अपनी पीएचडी BHU जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से बायोकेमेस्ट्री में की है, पद्मिनी ICMR गोरखपुर में साइंटिस्ट बी के पद पर कार्य किया, इस दौरान ही उन्होंने रेबीज जैसी महामारी के ऊपर रिसर्च कार्य किया।
डॉ पद्मीनी मिश्रा की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि उनके द्वारा रेबीज जैसी महामारी के ऊपर किए गए शोध कार्य का विवरण "पब्लिकेशन हाउस की दुनिया में परमवीर चक्र "से तुलना किए जाने वाले "लेनसेट पब्लिकेशन" में प्रकाशित हुआ है। इस रिसर्च का मुख्य लक्ष्य स्वास्थ्य सुविधाओं में एंटी-रेबीज वैक्सीन (एआरवी) और रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन (आरआईजी) की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करना 2030 तक शून्य कुत्ता-मध्यस्थ मानव रेबीज मृत्यु के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस अध्ययन का उद्देश्य भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं में एआरवी और आरआईजी की उपलब्धता का अनुमान लगाना था।
लैंसेट एक साप्ताहिक सहकर्मी-समीक्षित सामान्य चिकित्सा पत्रिका है , जिसकी स्थापना 1823 में इंग्लैंड में हुई थी। यह दुनिया की सबसे अधिक प्रभाव वाली अकादमिक पत्रिकाओं में से एक है और प्रकाशन में सबसे पुरानी चिकित्सा पत्रिकाओं में से एक है।पत्रिका मूल शोध लेख, समीक्षा लेख ("सेमिनार" और "समीक्षाएँ"), संपादकीय , पुस्तक समीक्षाएँ , पत्राचार, साथ ही समाचार सुविधाएँ और केस रिपोर्ट प्रकाशित करती है । 1991 से द लैंसेट का स्वामित्व एल्सेवियर के पास है और 1995 से इसके प्रधान संपादक रिचर्ड हॉर्टन हैं । पत्रिका के संपादकीय कार्यालय लंदन , न्यूयॉर्क शहर और बीजिंग में हैं ।
Updated on:
09 Jul 2025 11:36 pm
Published on:
09 Jul 2025 10:35 pm
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