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इस पत्रिका में है श्रीराम के 11 हजार वर्षों के राजकाल की अनुपम लीलाओं का चित्रण , जल्द पहुंचेगी पाठकों तक

नौ कांडों में विभक्त आनंद रामायण में राजाधिराज श्रीराम के 11 हजार वर्षों के राजकाल की अनुपम लीलाओं का चित्रण है। इसमें भगवान श्रीराम की ऐसी-ऐसी रोमांचक कथाएं हैं, जिनका अन्यत्र कहीं विवरण नहीं मिलता।

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इस पत्रिका में है श्रीराम के 11 हजार वर्षों के राजकाल की अनुपम लीलाओं का चित्रण , जल्द पहुंचेगी पाठकों तक

इस पत्रिका में है श्रीराम के 11 हजार वर्षों के राजकाल की अनुपम लीलाओं का चित्रण , जल्द पहुंचेगी पाठकों तक

गोरखपुर। गीताप्रेस से प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका 'कल्याण' का नया विशेषांक 'आनंद रामायण' अंक छपकर तैयार है।इसे पाठकों तक भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। डाक के माध्यम से कल्याण के करीब दो लाख लाख से अधिक पाठकों तक पहुंचाई जाएगी।

गीताप्रेस प्रबंधन ने प्रतिदिन 10 से 12 हजार प्रतियों को भेजने का लक्ष्य रखा है। नए विशेषांक में श्रीराम के 11 हजार वर्षों के राजकाल की अनुपम लीलाओं का चित्रण है।

गीता प्रेस प्रबंधन के मुताबिक, आनंद रामायण, रामकथा का एक प्राचीन व विलक्षण ग्रंथ है। अन्य रामायणों में जहां भगवान श्रीराम के आविर्भाव से लेकर उनके राज्यारोहण तक की लीलाओं का ही गुणगान हुआ है, वहीं नौ कांडों में विभक्त आनंद रामायण में राजाधिराज श्रीराम के 11 हजार वर्षों के राजकाल की अनुपम लीलाओं का चित्रण है। इसमें भगवान श्रीराम की ऐसी-ऐसी रोमांचक कथाएं हैं, जिनका अन्यत्र कहीं विवरण नहीं मिलता।
इसकी कथाएं अत्यंत नवीन, मन को आह्लादित करने और भक्ति को बढ़ाने वाली हैं। इस विशेषांक में 480 पृष्ठों में पाठ्य-सामग्री, आठ पृष्ठों में विषय सूची और अंत में गीताप्रेस से प्रकाशित पुस्तकों की सूची है। इसमें कई रेखाचित्र भी दिए गए हैं।

प्रबंधक बोले

गीता प्रेस के प्रबंधक डॉ. लालमणि तिवारी ने बताया की कल्याण का वार्षिक विशेषांक आनंद रामायण छपकर तैयार हो गया है। इसके डिस्पैच का काम चल रहा है। जल्द से जल्द इसे कल्याण के सभी पाठकों तक डाक के माध्यम से भेज दिया जाएगा।


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