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CM सिटी का यह विभाग जल्द होगा पेपरलेस, एक क्लिक पर मिलेगा फाइलों का डाटा

प्रदेश में गोरखपुर नगर निगम भी जल्द फाइलों के बोझ से मुक्त हो जाएगी, इसके लिए व्यापक रूप से तैयारियां चल रही हैं। बता दें कि प्रदेश के चार नगर निगम अब तक पूरी तरह डिजिटल हो चुके हैं।

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गोरखपुर नगर निगम का सम्पूर्ण कामकाज पेपरलेस हो जाएगा। किसी भी पटल के टेबल पर फाइलें नहीं दिखेंगी। बल्कि अधिकारी से कर्मचारी तक फाइलों का आदान-प्रदान ऑनलाइन होगा।कामकाज के लिए ई-आफिस पोर्टल का इस्तेमाल होगा।

पेपरलेस बनाने की तैयारियां शुरू

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के उपरांत नगर निगम में ई-आफिस प्रणाली लागू करने की तैयारी जोरों पर है। कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक का डेटाबेस और मेल आईडी तैयार किया जा चुका है। तकरीबन 200 अधिकारियों, कर्मचारियों का डिजिटल हस्ताक्षर तैयार करने के लिए उनके दस्तखत और मेल आइडी शासन को भेजे जा चुके हैं। जल्द ही नई प्रणाली के तहत कामकाज करने के लिए अधिकारियों, कर्मचारियों को ई-ऑफिस का प्रशिक्षण भी मिलेगा।

अपर नगर आयुक्त निरंकार सिंह बताते हैं कि ई-आफिस के लिए ई-डीएम एम्पलाई डाटा मैनेजर और नोडल अधिकारी भी नामित किए गए हैं। ई-आफिस प्रणाली लागू होने से आम लोगों को भी काफी सहूलियत होगी। एक क्लिक पर कहीं से भी फाइलें खुल जाएंगे और उनकी स्थिति जांची जा सकेगी।

प्रदेश के चार निगम अब तक हो चुके हैं पेपरलेस

प्रदेश के चार नगर निगम अलीगढ़, लखनऊ, बरेली और सहारनपुर में ई-ऑफिस की व्यवस्था शुरू हो गई है। गोरखपुर समेत 13 नगर निगमों में अभी ई-आफिस पर काम काज नहीं हो रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आक्रोश व्यक्त करते हुए सभी मण्डलायुक्त को 15 अगस्त तक सभी नगर निगमों में ई-आफिस लागू कराने और कार्यालयों को पेपरलेस किया जाना सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए बकायदा 6 अगस्त को पत्र भी जारी किया गया है।

नगर आयुक्त, गोरखपुर

गोरखपुर के नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि निर्धारित अवधि में ई-आफिस प्रणाली लागू करने के लिए कर्मचारियों की मेल आइडी और हस्ताक्षर, डिजिटल सिग्नेचर बनने के लिए शासन में भेजा जा चुका है। हमारी कोशिश ई-आफिस प्रणाली लागू कर पेपरलेस कामकाज शुरू करने की है। इससे कामकाज की निगरानी, पादर्शिता, कार्य की गुणवत्ता और नागरिकों को भी काफी सहूलियत मिलेगी।


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