
गोरखपुर में जीआरपी ने झारखंड के एक अंतरराज्यीय मोबाइल चोरी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का सरगना मनोज मंडल हर महीने 15,000 रुपये की सैलरी पर चोरों की भर्ती करता है, जिनमें से ज्यादातर नाबालिग होते हैं।
ये चोर ट्रेनों और सार्वजनिक स्थानों से मोबाइल फोन चुराते हैं, जिन्हें बाद में नेपाल और बांग्लादेश में बेचा जाता है। पुलिस ने इस गिरोह से 44 मोबाइल फोन, हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं। आरोपियों को अब जेल और बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
झारखंड में बैठा सरगना मनोज मंडल अपने गिरोह में चोरों को हर महीने 15,000 रुपये वेतन पर भर्ती करता है, जिनमें से अधिकांश नाबालिग होते हैं। ये चोर ट्रेनों, रेलवे स्टेशनों और विभिन्न बाजारों से मोबाइल फोन चुराते हैं। उन्हें गिरोह की ओर से यात्रा भत्ता और भोजन की सुविधा भी दी जाती है। चोरी में सफलता मिलने पर उनके वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की जाती है।
गोरखपुर राजकीय रेलवे पुलिस को यह जानकारी तब मिली जब स्टेशन परिसर में जांच के दौरान तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इनसे पुलिस ने 10 लाख के 44 मोबाइल फोन, एक तमंचा, कारतूस और चाकू बरामद किए।
रेलवे पुलिस ने बताया कि गोरखपुर में ट्रेन और प्लेटफार्म पर मोबाइल चोरी करने वाले गिरोह की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके बाद जीआरपी गोरखपुर ने स्टेशन परिसर में तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान 3 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में इस गिरोह ने हैरान करने वाला खुलासा किया।
Published on:
30 Dec 2024 01:16 pm
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