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Gorakhpur News : किराया महंगा होने के चलते फीका पड़ा वंदे भारत एक्सप्रेस का क्रेज, इंटरसिटी जैसी ट्रेनों से लोग कर रहे सफर

Gorakhpur News: पहले हफ्ते में ट्रेन को गोरखपुर से लखनऊ आने के दौरान ठीकठाक यात्री मिलते रहे। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। माना जा रहा है महंगे किराये के कारण यात्री वंदे भारत में सफर से करने से बच रहे हैं।

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इंटरसिटी का कम किराया, वंदे भारत एक्सप्रेस के क्रेज पर पड़ रहा भारी

Gorakhpur News: गोरखपुर से लखनऊ के बीच 7 जुलाई को PM मोदी ने सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। उस समय इस ट्रेन का क्रेज लोगों में जबर्दस्त था। मगर जब बात जेब पर आई तो धीरे धीरे यह क्रेज फीका पड़ता जा रहा है। लखनऊ से गोरखपुर के बीच चलने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस भले ही सुविधाओं से लैस हो, पर महंगे किराये की वजह से यात्री इस ट्रेन से किनारा कर रहे हैं। यही वजह है कि इसकी 80 प्रतिशत तक सीटें खाली हैं।

9 जुलाई से वंदे भारत का नियमित संचालन शुरू
NE रेलवे की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन 9 जुलाई से गोरखपुर से लखनऊ के बीच शुरू हुआ है। गोरखपुर से लखनऊ वाया अयोध्या ट्रेन नंबर 22549 वंदेभारत सुबह 6.05 बजे गोरखपुर से चलकर सुबह 10.20 बजे लखनऊ पहुंचती है। वापसी में 22550 लखनऊ गोरखपुर वंदे भारत शाम को चारबाग से सवा सात बजे रवाना होती है।
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शुरुआत दिनों मे वंदेभारत की भरी थी सीटें
पहले हफ्ते में ट्रेन को गोरखपुर से लखनऊ आने के दौरान ठीकठाक यात्री मिलते रहे। लेकिन अब स्थिति बदल रही है। माना जा रहा है महंगे किराये के कारण यात्री वंदे भारत में सफर से करने से बच रहे हैं। यही वजह है कि गोरखपुर से लखनऊ आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयरकार में सोमवार को 221, मंगलवार को 312, बुधवार को 340, गुरुवार को 364, शुक्रवार को 361 सीटें खाली हैं। एग्जीक्यूटिव क्लास में इन दिनों में क्रमशः 23, 28, 27, 37, 28 सीटें रिक्त हैं। इसी क्रम में लखनऊ से गोरखपुर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की चेयरकार में इन दिनों में 317, 362, 379, 374, 387 तथा एग्जीक्यूटिव क्लास में नौ, 25, 33, 34, 30 सीटें रिक्त हैं। यह हाल तब है, जब ट्रेन में कुल 530 सीटें हैं।

इंटरसिटी का कम किराया, सुविधा पर पड़ रहा भारी
गोरखपुर से लखनऊ के बीच चलने वाली इंटरसिटी और वंदे भारत एक्सप्रेस की सुविधाओं के लिहाज से कोई तुलना नहीं है। दोनो ही ट्रेनें कुछ मिनटों के अंतराल पर गोरखपुर से छूटती हैं। ऐसे में यात्री अब अपनी जेब देखता है। ऐसे में उसके लिए स्पीड और सुविधा कोई मायने नहीं है।

दोगुने तक का है दोनो ट्रेनों के किराए में अंतर
गोरखपुर से सुबह पौने छह बजे चलने वाली इंटरसिटी का चेयरकार में किराया 475 रुपये है। ट्रेन लखनऊ पहुंचने में 5.25 घंटे लेती है। वहीं, वंदे भारत एक्सप्रेस सुबह 6.05 बजे चलती है और उसकी चेयरकार का किराया 890 रुपये है। समय 4.15 घंटे लगते हैं। ऐसे में यात्री एक- दो घंटा बचाने के लिए वंदे भारत के महंगे सफर की जगह इंटरसिटी पकड़ रहे हैं।

किराया कम करना ही एकमात्र विकल्प
वंदे भारत में गोरखपुर से लखनऊ आने पर 890 रुपये और वापसी का 1000 रुपये से अधिक चेयरकार का किराया है, जबकि एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1700 रुपये से अधिक है। यात्रियों का स्पष्ट कहना है कि किराया कम होने पर ही वंदे भारत में लोगों की संख्या बढ़ेगी।

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