
शनिवार को डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम ने ये फैसला सुनाया है। गौतमबुद्ध नगर की पुलिस कमिश्नर ने सीईओ की गिरफ्तार के लिए आदेश जारी किया है। ग्रेटर नोएडा की प्लॉट आवंटी और विकास अथॉरिटी के बीच 18 सालों से एक मुकदमा चल रहा था।
जमीन बांटने के लिए किया था आवेदन
डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम से मिली जानकारी के मुताबिक, महेश मित्रा ने 2001 में ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास अथॉरिटी में जमीन को बांटने के लिए आवेदन किया था। उन्होंने अथॉरिटी में लगभग 20 हजार रुपये भी जमा किए थे। इसके बाद भी जमीन का बंटवारा नहीं किया गया।
साल 2005 में डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम में गया था मामला
साल 2005 में महेश ने डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम में मुकदमा दर्ज किया था। फोरम ने 18 दिसंबर 2006 को आदेश दिया था कि महेश मित्रा को उनकी आवश्यकता के अनुसार 1000 से लेकर 2500 वर्गमीटर तक की जमीन बांटकर दे दी जाए।
2010 में मामला स्टेट कमीशन में पहुंचा
फोरम के इस आदेश को अथॉरिटी ने स्वीकार नहीं किया और 2010 में स्टेट कमीशन में याचिका दायर की। कमीशन ने आदेश दिया कि महेश मित्रा ने जो बीस हजार रुपए जमा किए थे उसे छह प्रतिशत ब्याज के साथ वापस कर दिया जाए। फिर स्टेट कमीशन के आदेश के खिलाफ महेश ने नेशनल कमीशन में अपील की। इस मामले पर नेशनल कमीशन ने 30 मई 2014 को अपना आदेश सुनाया और स्टेट कमीशन के फैसले को गलत ठहरा दिया।
नेशनल कमीशन ने दिया जमीन बांटने का आदेश
नेशनल कमीशन ने डिस्ट्रिक्ट फोरम के फैसले में कुछ बदलाव किए थे। नेशनल कमीशन ने अपने फैसले में कहा कि अथॉरिटी की ओर से महेश को 500 से लेकर 2500 वर्ग मीटर तक का कोई भी प्लाट बांटकर दे दिया जाए। प्लाट का आकार प्रोजेक्ट रिपोर्ट और आवश्यकता के आधार पर निर्धारित किया जाएगा।
अथॉरिटी का बैंक खाता सीज
अथॉरिटी ने नेशनल कमीशन के फैसले पर अमल नहीं किया। महेश ने 2015 में दोबारा डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटाया था। 2017 में कार्रवाई करके डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम ने अथॉरिटी का बैंक खाता सीज कर दिया था। इसका विरोध करते हुए अथॉरिटी ने स्टेट कमीशन में याचिका दायर की थी।
CEO पर लगी 2 हजार रुपए की पेनॉल्टी
स्टेट कमीशन ने डिस्ट्रिक्ट फोरम के आदेश को रद्द कर दिया था। शनिवार को डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट रिड्रेसल कमीशन के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर ने आदेश में कहा, “पूर्व में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग की ओर से दिए गए आदेश का पालन न करते हुए सीईओ ने उसे लटकाए रखा, जिसके लिए वह स्वयं दोषी हैं। आदेश में ग्रेटर नोएडा विकास अथॉरिटी के सीईओ को एक महीने की सजा सुनाई है। उन पर ₹2,000 का पेनॉल्टी भी लगाया गया है।
Published on:
08 Jan 2023 11:17 am
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