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Greater Noida Live: हंसती-खेलती 14 माह की पंखुड़ी के ऊपर अचानक गिर गया टनों मलबा, दादा बोले- मैं हूं हत्‍यारा

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में हुए हादसे में चल गई शिव, उनकी भाभी, मां और मासूम भतीजी की जान

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Greater Noida Live: हंसती-खेलती 14 माह की पंखुड़ी के ऊपर अचानक गिर गया टनों मलबा, दादा बोले- मैं हूं हत्‍यारा

ग्रेटर नोएडा। अपनी मम्‍मी, चाचा और दादी के साथ 14 माह की पंखुड़ी मंगलवार को हंस-खेल रही थी। परिवार भी नए घर में आने की खुशी मना रहा था। सबके चेहरे पर खुशी दिख रही थी। एक घंटे पहले पंखुड़ी के चाचा ने अपनी रिश्‍तेदार से वीडिया कॉलिंग पर बात भी की थी। हादसे से पहले पंखुड़ी की मम्‍मी ने भी अपने पति से बात की थी। रात को अचानक टनों मलबा खुशियां मनाती हुई पंखुड़ी और उसके परिवार पर गिर पड़ा।

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परिवार के चार लोगों की हुई मौत

ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में हुए हादसे में हंसती-खेलती पंखुड़ी और उसकी मम्‍मी, चाचा व दादी की मौत हो गई। बचाव दल ने बुधवार रात को सभी के शव मलबे से निकाले। पंखुड़ी के खव को देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। सबका यहीं कहना था कि आखिर इनका क्‍या कसूर था। पंखुड़ी के दादा सुरेंद्र त्रिवेदी वहां दहाड़े मारकर रो रहे थे।

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14 जुलाई को ही आए थे मकान में

मैनपुरी निवासी शिव त्रिवेदी 14 जुलाई को यहां अपने नए मकान में आए थे। उनके साथ उनकी भाभी प्रियंका, 14 माह की भतीजी पंखुड़ी और उनकी मां मकान में थे। रोते हुए सुरेंद्र त्रिवेदी ने कहा, बेटे ने बहुत जिद की थी। इसके बाद उन्‍होंने शहर में मकान दिलवाया था। अपने बेटे और परिवार का हत्यारा हूं मैं। न मैं उसे यहां नया मकान दिलवाता और न यह दिन देखना पड़ता...। बेटे के जिस मकान में गृह प्रवेश के दौरान पोती की किलकारी गूंज रही थी, आज वहां मलबे का ढेर लगा है।

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22 लाख रुपये में लिया था फ्लैट

शिव त्रिवेदी ने शाहबेरी के कासिम विला में 22 लाख रुपये में 2 बीएचके फ्लैट लिया था। शिव परिवार का छोटा बेटा होने के कारण पिता का दुलारा भी था। सुरेंद्र त्रिवेदी बताते हैं, मेरा बेटा शिव काफी होनहार था। एमबीए करने के बाद नोएडा की ही एक कंपनी में जॉबकर रहा था। हाल ही में उसने इस बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर एक फ्लैट खरीदा था। शनिवार को गृह प्रवेश के मौके पर बड़े बेटे राम की पत्नी, उनकी बेटी पंखुड़ी समेत पूरी फैमिली नोएडा आई थी। गृह प्रवेश के बाद सभी मैनपुरी लौट गए लेकिन शिव अपनी भाभी, भतीजी और मां के साथ नए घर में रुक गए। उन्‍होंने पूरा सामान भी यहां शिफ्ट कर लिया लेकिन दो दिन उन्‍हें मौत ने लील लिया।

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रात को टूट गईं उम्‍मीदें

सुरेंद्र त्रिवेदी और उनका बड़ा बेटा राम भी हादसे की सूचना मिलते ही शाहबेरी पहुंच गए थे। वह इमारतों के मलबे के पास पहले तो उम्‍मीद भरी नजरों से अपनी पत्‍नी, बेटे, बहू और पोती को तलाश रहे थे। रात होते-होते उनकी उम्‍मीदें टूट गईं। हादसे से कुछ ही देर पहले प्रियंका की अपने पति राम से बात की थी।

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किसी की नजर लग गई

मलबे के पास बैठे सुरेंद्र त्रिवेदी कहते हैं, शनिवार को गृह प्रवेश किया था। सब खुश थे। किसी की नजर लग गई। जरा सी देर में सब बर्बाद हो गया। बेटे ने घर खरीदकर विदेश घुमाने का वादा किया था। एक वादा तो पूरा कर दिया लेकिन अब विदेश कौन घुमाएगा।

सुबह टीवी पर पता चली खबर

शिव कुमार और उनकी फैमिली के चारों लोगों के शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। शिव के फूफा अवनिंद्र तिवारी के मुताबिक, मंगलवार रात से ही शिवम और बाकी लोगों का फोन नहीं लग रहा था। जब परिजनों ने बुधवार सुबह टीवी में खबर देखी तो उनको इसका पता चला। इसके बाद वे बदहवास हालत में यहां आए।