scriptआज वर्ल्ड डेयरी समिट का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा | PM Modi to inaugurate World Dairy Summit 2022 today in Greater Noida | Patrika News

आज वर्ल्ड डेयरी समिट का उद्घाटन करेंगे PM मोदी, 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा

locationग्रेटर नोएडाPublished: Sep 12, 2022 08:11:00 am

Submitted by:

Jyoti Singh

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ग्रेटर नोएडा में रहेंगे। यहां वह इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ग्रेटर नोएडा आ रहे हैं। यहां वह सुबह करीब 10:30 पर इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन का आयोजन 12 से 15 सितंबर के बीच होगा। इस मौके पर 50 देशों के 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होंगे। उनके स्वागत के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम को लेकर की गई तैयारियों का सीएम ने रविवार को जायजा लिया था। जिले में सुरक्षा की व्यवस्था भी चाक-चौबंद कर ली गई है।
“पोषण और आजीविका के लिए डेयरी” विषय थीम

बता दें कि इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 सम्मेलन वैश्विक और भारतीय डेयरी हितधारकों का एक समूह है, जिसमें उद्योग जगत के नेता, एक्सपर्ट, किसान और नीति योजनाकार शामिल होंगे। वहीं समिट की थीम “पोषण और आजीविका के लिए डेयरी” के विषय पर आधारित होगी। इसके जरिए छोटे और सीमांत डेयरी किसानों, विशेषकर महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। इसलिए भारतीय डेयरी उद्योग इस मायने में अद्वितीय है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरित होकर प्रदेश सरकार ने डेयरी क्षेत्र की बेहतरी के लिए कई कदम उठाए हैं। जिसके परिणामस्वरूप पिछले आठ वर्षों में दूध उत्पादन में 44 % से अधिक की वृद्धि हुई है।
48 साल बाद कार्यक्रम का आयोजन

आपको बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारत में पूरे 48 साल बाद हो रहा है। इससे पहले सन् 1974 में भारत ने इंटरनेशनल डेयरी कांग्रेस की मेजबानी की थी। यह आयोजन दुनिया भर के डेयरी उद्योगों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति निर्माण करने वाले लोगों से जुड़ा है। यहां भविष्य की रणनीति औऱ योजनाओं पर बातचीत के जरिए कई बेहतर हल निकलने की संभावना है। इस आय़ोजन में भारत के 700.800 किसान भी शामिल होने वाले हैं।
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