
ragging in galgotia college
ग्रेटर नोएडा. गलगोटिया कॉलेज के बीटेक फर्स्ट ईयर के छात्र महेंद्र प्रताप सिंह ने अपने इटावा स्थित घर पर आत्महत्या कर ली. छात्र के परिजन और दोस्तों ने इसे रैगिंग का परिणाम बताया है. हलांकि कॉलेज ने रैगिंग जैसी किसी बात के होने से इंकार किया है. कॉलेज के मुताबिक़ कॉलेज के अंदर एंटी रैगिंग सेल बने हुए हैं. किसी भी छात्र को परेशानी होती है तो वह यहां पर अपील कर सकता है. लेकिन महेंद्र या उसके किसी दोस्त ने ऐसी कोई भी शिकायत नहीं दर्ज कराई थी. इसलिए इस घटना के बारे में रैगिंग जैसी कोई वजह समझ नहीं आती. हलांकि कॉलेज अभी भी इस मामले में जांच करने की बात कह रहा है.
क्यों नहीं रुक रही रैगिंग
शहर के कॉलेजों में रैगिंग के मामले पहले भी सामने आते रहे है। रैगिंग से परेशान होकर कई स्टूडेंंट्स इस घटना से पहलेे भी सुसाइड कर चुके है। रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए शासन और प्रशासन स्तर ठोस कदम उठाए गए। शासन के निर्देश पर टेक्निकल कॉलेजों में एंटी रैंगिग स्क्वायड का गठन किया गया था। स्क्वायड में कॉलेज मैनेजमेंट, प्रफेसर, पुलिस और प्रशासन को शामिल किया गया था। अगर किसी स्टूडेंंट्स के साथ में रैगिंग के मामला सामने आता है, तो उसे कमेटी से शिकायत करनी होती है। इसका फायदा भी हुआ। रैगिंग की घटनाओं में कमी आई, लेकिन पूरी तरह अंकुश नहीं लग सका।
नोएडा के नॉलेज पार्क में सैकडों मैनेजमेंट, इंस्टीटयूट, मेडीकल कॉलेज व यूनिवर्सिटी है। इनमें हर साल लाखों स्टूडेंट्स भविष्य संवारने के लिए आते हैं। लेकिन एक दशक से रैगिंग के भूत ने स्टूडेंंट्स को अपनी गिरफ्त में रखा है। आज भी रैगिंग के मामले सामने आ रहे है। रैंगिंग को लेकर सरकार को भी सख्त उठाने पड़े, लेकिन शुक्रवार को गलगोटिया कॉलेज के इंजीनियरिंग के एक स्टूडेंट के सुसाइड करने के बाद में अन्य स्टूडेंट्स भी सकते में आ गए हैं। स्टूडेंट्स की मानें तो रैगिंग जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए।
एडमिशन के दौरान भी लिया जाता है शपथ पत्र
सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक एडमिशन के दौरान स्टूडेंट्स को एक शपथ पत्र देना होता है। शपथ पत्र के मुताबिक रैगिंग करने पर एडमिशन कैंसिल और कानूनी कार्रवाई करने की जानकारी होती है। उसके बावजूद भी सीनियर छात्र रैगिंग करते हैं। पहले भी शपथ पत्र की वजह से कई स्टूडेंट्स के एडमिशन कैंसिल किए जा चुके हैं। उसके बाद भी छात्र मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
पहले भी हो चुकी है मौत
गलगोटिया कॉलेज के स्टूडेंट के सुसाइड करने की घटना 5 साल पहले भी सामने आई थी। परिजनों ने उस दौरान आरोप लगाए थे कि छात्र को कॉलेज में प्रताड़ित किया जाता था। साथ ही उसकी एक वीडियो क्लिप बनाकर शिकायत करने पर डराया जाता था। बाद में उसनेे घर जाकर सुसाइड कर ली थी। इस घटना ने प्रशासन पर उंगलिया उठी थी। इस घटना के बाद भी कोई सबक नहीं लिया गया और अब यह घटना हो गई। हालाकि इस तरह के मामले में कॉलेज मैनेजमेंट रैगिंग न बताकर कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ लेते हैं.
पिछले साल ही हुई दो घटना
3 अक्टूबर 2016- इंजीनियरिंग छात्र के साथ रैगिंग की गई। सीनियर छात्रों ने पीड़ित छात्र की बेल्ट और रॉड से बुरी तरह पिटाई की थी। साथ ही आरोपियों ने पूरी घटना का वीडियो भी बनाया। इस मामले में पुलिस ने परिजनोंं ने 11 सीनियर छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई थी।
16 सितंबर 2016- यहां की एक यूनिवर्सिटी में 6 सीनियर छात्रों पर रैगिंग करने का आरोप लगा था। पीड़ित छात्र के साथ में मारपीट की गई और उसेे नग्न हालत में हॉस्टल में घुमाया गया था।
Updated on:
29 Sept 2017 03:15 pm
Published on:
29 Sept 2017 03:11 pm
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